November 18, 2024

हरियाणा में शादी के लिए धर्म परिवर्तन की इजाजत नहीं, नियम का उल्लंघन करने पर पांच से दस साल की होगी जेल

Chandigarh/Alive News: हरियाणा सरकार ने विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन निवारण नियम, 2022 बनाया है। इसके लागू होने के बाद हरियाणा में अब शादी के लिए धर्म परिवर्तन की इजाजत नहीं होगी। इस नियम का कोई यदि उल्लंघन करता है तो उसे 3 से 10 साल तक की जेल होगी। राज्य में 4 साल के दौरान जबरन धर्मांतरण के 127 मामले आ चुके हैं।

जिसके बाद राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अगुआई में हरियाणा विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन निवारण नियम, 2022 बनाया। जिसे अब गवर्नर की मंजूरी मिल गई है। इसका नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है।

इसके बाद जबरन धर्म परिवर्तन किए जाने पर पीड़ित लोग अब कोर्ट की शरण ले सकेंगे। कोर्ट पीड़ित और आरोपी की आय को ध्यान में रखकर भरण-पोषण और कार्रवाई का खर्चा देने का आदेश जारी कर सकेगी।

जबरन धर्म परिवर्तन के बाद यदि बच्चा हो जाता है और महिला या पुरुष शादी से संतुष्ट नहीं हैं तो भी वह दोनों न्यायालय की शरण ले सकेंगे। कोर्ट यह आदेश देगा कि बच्चे के बेहतर भविष्य के लिए भी भरण पोषण राशि दोनों को देनी होगी। इसमें एक्ट की धारा 6 के अधीन विवाह को अमान्य घोषित करने का भी प्रावधान किया गया है।

ये होगा सजा का प्रावधान
जबरन धर्म परिवर्तन में एक से 5 साल तक जेल
कम से कम एक लाख रुपए जुर्माने का प्रावधान
शादी के लिए धर्म छिपाने पर 3-10 साल तक जेल
कम से कम 3 लाख रुपए का लगेगा जुर्माना
सामूहिक धर्म परिवर्तन में 10 साल तक की होगी जेल
मंडलायुक्त के यहां अपील का प्रावधान
स्वेच्छा से भी यदि धर्म परिवर्तन किया जाता है तो इसकी जानकारी पहले जिले के जिला उपायुक्त को देनी होगी। इसकी जानकारी डीसी कार्यालय के नोटिस बोर्ड पर चस्पा की जाएगी। आपत्ति होने पर 30 दिनों के भीतर लिखित में शिकायत की जा सकती है। DC जांच कर तय करेंगे कि धर्म परिवर्तन में नियमों का उल्लंघन किया गया है या नहीं। उल्लंघन होने पर स्वीकृति रद्द कर दी जाएगी।