November 19, 2024

ध्यान कक्ष से आत्मिक ज्ञान को आत्मसात करने का किया आवाहन

Faridabad/Alive News : मानव जीवन में, आत्मिक ज्ञान प्राप्ति की आवश्यकता व समभाव-समदृष्टि की महत्त को जनाने हेतु, सतयुग दर्शन ट्रस्ट द्वारा, अपने ही परिसर में ध्यान-कक्ष यानि समभाव-समदृष्टि का स्कूल खोला गया है और इस स्कूल के माध्यम से सतयुगी संकृति का प्रचार व प्रसार कर, निरन्तर मानव जाति के व्यक्तिगत, सामाजिक, पारिवारिक व आत्मिक उत्थान हेतु सार्थक यत्न किया जा रहा है। इसी श्रृंखला में प्रतिदिन यहां पर सैकड़ों की संख्या में लोग पधार कर, एक गाइडिड टूर के माध्यम से अपने जीवन को सदाचार की राह पर प्रशस्त करने का दृढ़ संकल्प लेते हैं और बुराई से अच्छाई की ओर, अज्ञानता से ज्ञान की ओर व मृत्यु से अमृत्व की ओर कदम बढ़ाते हैं।

सभी सजनों को उनके जीवन आधार, परमात्म स्वरूप के विषय में बताते हुए यहां कहा गया कि सत‌-चित्त-आनन्द स्वरूप, परमश्रेष्ठ चैतन्य, जो बद्ध जीवात्मा से भिन्न, कार्य-कारण से परे नित्य, शुद्ध, ज्ञानस्वरूप और मुक्त स्वभाव वाला है, वही परम आराध्य है। इस बात के दृष्टिगत ही, कुदरती आए हुए समस्त वेद-शास्त्र, समभाव-समदृष्टि की युक्ति अनुकूल, हर मानव को ‘परमार्थ’ अर्थात्‌ यथार्थ आत्मिक ज्ञान प्राप्ति द्वारा, अपने ख़्याल यानि सुरत को, परमतत्त्व में स्थित रखते हुए, परिपूर्ण ब्रह्म और जीव का ज्ञान प्राप्त करने को, प्राथमिकता देने का परामर्श देते हैं।