November 16, 2024

संत निरंकारी मंडल के प्रधान सत्यार्थी जी हुए ब्रह्मलीन

Faridabad/Alive News : सन्त निरंकारी मण्डल के प्रधान जे.आर.डी.‘सत्यार्थी’, जिन्हें प्यार से ‘शास़्त्री जी’ भी कहा जाता था, दिनाक 29 जनवरी, 2018 को ब्रह्मलीन हो गए। उन्होंने अंतिम श्वांस शाम 5.55 मिनट पर दिल्ली के एक अस्पताल में ली जहां उन्हें 8 दिन पहले भरती कराया गया था। ‘सत्यार्थी’ जी 86 वर्ष के थे।

सत्यार्थी जी का अंतिम संस्कार 1 फरवरी, 2018 को किया जायेगा। प्रातः 8 बजे से उनके अंतिम दर्शन किए जा सकेंगे। तत्पश्चात 10.30 बजे अंतिम यात्रा आरम्भ होगी और 11 बजे निगम बोध घाट के सी.एन.जी. शवदाह गृह पर अंतिम संस्कार किया जायेगा।

‘सत्यार्थी’ जी को श्रद्धांजली अर्पित करने के लिए और उनके जीवन से प्रेरणा लेने के लिए उसी दिन बुराड़ी रोड स्थित ग्राउंड नं.8 में सदगुरू माता सविंदर हरदेव जी महाराज के सान्निध्य में एक विशेष सत्संग कार्यक्रम होगा।

‘सत्यार्थी’ जी का संत निरंकारी मण्डल के साथ 60 साल से भी अधिक काल सम्बन्ध रहा। उन्होंने शहनशाह बाबा अवतार सिंह जी के समय में ब्रह्मज्ञान लिया और बाबा गुरबचन सिंह जी के साथ 17 वर्षों तक उनके नीजी सचिव के रुप में सेवा करते रहे। यही सेवा उन्होंने बाबा हरदेव सिंह जी महाराज के साथ भी 1980 से 1984 तक तक निभाई।

‘सत्यार्थी’ जी ने संत निरंकारी मण्डल के अनेक विभागों में सेवा की इनमें प्रचार विभाग, प्रकाशन विभाग तथा प्रचारक प्रशिक्षण विभाग प्रमुख रहेे। वर्ष 2009 से सत्यार्थी जी संत निरंकारी मण्डल के प्रधान रहे। यह सेवा उन्होंने अंतिम श्वासों तक निभाई। ‘सत्यार्थी’ जी संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन के भी प्रथम प्रधान रहे।

‘सत्यार्थी’ जी का संत निरंकारी मिशन के साहित्य में बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान रहा। उनकी अनेक पुस्तकें कई भाषाओं में अनुवादित हो गई हैं। इनमें प्रमुख हैं – ‘अंधकार से प्रकाश की ओर’ ‘शहनशाह’, ‘जीवंत शिक्षक’ ‘गुरुदेव हरदेव’, ‘कुलवंत’ तथा ‘माँ तुझे सलाम’।