September 28, 2024

अभियान चलाकर विद्यार्थियों में वितरित की जाएंगी पुस्तकें

Faridabad/Alive News: शिक्षा निदेशालय ने सभी जिलों में एक विशेष अभियान चलाने का आदेश दिया है। इस अभियान के अंतर्गत सभी बच्चे अपनी पुस्तकों को आपस में पारस्परिक आदान प्रदान करेंगे। जिससे महामारी में जरूरतमंद बच्चों को पुस्तके मिल सकेंगी और उनकी पढ़ाई किसी भी प्रकार से बाधित नहीं होगी। इस कार्य में कक्षा अध्यापक स्कूल मुखिया और एसएससी सदस्य मिलकर छात्रों की मदद करेंगे। शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत यह अभियान चलाया जाएगा। जिससे सभी बच्चों तक पुस्तकें पहुंचाई जाएंगी।

दरअसल, महामारी के मद्देनजर सभी स्कूल काफी समय से बंद है। छात्रों के हित के लिए शिक्षा निदेशालय ने यह फैसला लिया है। ऐसे में ऑनलाइन कक्षाओं को प्राथमिकता दी जा रही हैं। ज्ञात हो कि शैक्षणिक सत्र 2020-21 शुरू होने वाला है। ऐसे में शिक्षा निदेशालय ने सभी जिलों में एक विशेष अभियान चलाने का आदेश दिया हैं। इस अभियान के अंतर्गत अगली कक्षा में प्रवेश करने वाले छात्र निचली कक्षा वाले छात्रों के साथ पारस्परिक रूप से पुस्तकों का आदान प्रदान करेंगे। यह अभियान कक्षा पहली से आठवीं के छात्रों के लिए चलाया जाएगा। जिससे सभी बच्चों तक किताबें पहुंच सके।

आपको बता दे कि नई कक्षा में प्रवेश करने वाले छात्रों के लिए किताबों की छपाई हो गई है। लेकिन लॉकडाउन के कारण उन तक पहुंचाना बहुत मुश्किल हो रहा है। गत वर्ष भी महामारी के मद्देनजर अगली कक्षा में प्रवेश करने वाले छात्रों ने अपनी पाठ्यपुस्तक को उस कक्षा में आने वाले पड़ोस के विद्यार्थियों को दे दिया। यह एक सफल प्रयास रहा इसी को देखते हुए दोबारा ऐसी ही नीति अपनाने की कोशिश की जा रही है। इस बार भी छात्र पुस्तकों का आपस में आदान-प्रदान करेंगे।

इस कार्य में कक्षा अध्यापक स्कूल मुखिया और एसएससी सदस्य बच्चों की सहायता करेंगे तथा ध्यान रखेंगे कि लॉकडाउन के नियमों की अवहेलना ना हो पुस्तकों को लेते और देते समय पूरी सावधानी बरती जाएगी। पुस्तकों को 2 दिनों के लिए ऐसे स्थान पर रखा जाएगा जहां उन्हें कोई हाथ न लगाए। इसके उपरांत पुस्तक प्राप्त करने के बाद बच्चों को साबुन से हाथ धोना अनिवार्य हैं। बच्चों द्वारा पुस्तके प्राप्त कर लेने के पश्चात अध्यापक फोन कर उनसे सुनिश्चित करेंगे कि उनके पास किताबे पहुंची या नहीं। शिक्षा निदेशालय द्वारा यह एक अथक प्रयास है जिससे बच्चों की शिक्षा महामारी में बाधित ना हो सके।