Faridabad/Alive News : प्रकृति के रंग बदले तो सब कुछ बदल जायेगा। मनुष्य को प्रकृति की आवश्यकता है प्रकृति को मनुष्य की नहीं। दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति यह है कि वर्तमान परिदृश्य में मनुष्य अपने लालच और संग्रह करने की अंधी दौड में सही व गलत का अर्थ भूल गया है। प्रकृति का इतना दोहन किया है कि उसके लक्षण बडख़ल झील के सूखने से स्पष्ट दिखाई देते हैं। ये बात विश्वप्रसिद्ध पर्यावरणविद् व बम्बई नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी के निदेशक डॉ. असद रफी रहमानी ने बडख़ल का निरीक्षण करने के बाद कही।
डॉ. रहमानी बालाजी कॉलेज बल्लभगढ़ के निदेशक डॉ.जगदीश चौधरी के निवेदन पर अपने एक दिवसीय दौरे पर फरीदाबाद आए थे। डॉ.रहमानी ने कहा कि भौगोलिक दृष्टि से विश्वपटल पर फरीदाबाद की पहचान सिर्फ बडख़ल झील की उपस्थिति के कारण है परन्तु आज फरीदाबाद में थोड़ा बहुत औद्योगिक विकास जरूर हुआ है परन्तु बडख़ल झील के रूप में बहुत ज्यादा खोया है। अलीगढ़ की सेखा झील को पुनर्जीवित करने वाले डॉ.सुबोध नन्दन शर्मा ने कहा कि ऐसा नहीं है कि बडख़ल अब जीवित नहीं हो सकती है, ऐसा सम्भव है परन्तु हां झील थोड़ी बड़ी है तो सम्भवत: प्रयास भी थोड़े बड़े ही करने होंगे।
सुबोध शर्मा के 20 वर्षों के अथक प्रयासों से शेखा झील आज पुन: पानी से लबालब है और अनेक पक्षी व जीव-जन्तुओं के साथ राष्ट्रीय विरासत घोषित हो चुकी है। वहीं बालाजी कॉलेज के निदेशक डॉ.जगदीश चौधरी ने कहा कि प्रकृति करोड़ों मनुष्यों की जरूरतों को पूरा कर सकती है परन्तु लालच एक का भी नहीं। उन्होंने बताया बडख़ल झील मुख्यत: चार कारणों से सूखी है पहला गैर कानूनी खनन और गढ्ढों को पुन: न भरा जाना, दूसरा झील के प्राकृतिक जल मार्गों में भवनों एवं मार्गों द्वारा रूकावट, तीसरा व्यापार हेतु जल का अनावश्यक दोहन व चौथा बडख़ल के नीचे क्वार्टाइज पत्थर संरचना होना जिससे जल नीचे नहीं जा पाता।
इस अवसर पर डॉ.चौधरी ने बडख़ल रेस्टोरेशन आर्गनाइजेशन (बी.आर.ओ.) के गठन का प्रस्ताव रखा और शीघ्र ही इस दिशा में स्वयं सेवकों के रूप में क्रियान्वयन हेतु आह्वान किया। उन्होंने कहा कि आवश्यकता हुई तो पूरे भारतवर्ष से स्वयं सेवी संस्थाओं को इक्_ा किया जायेगा।
तरूण भारत संघ के जलपुरूष राजेन्द्र सिंह, एकता दल के डा. पी.वी. राजगोपाल, मुम्बई के पूर्व डिप्टी कमिश्नर जी.आर. खैरनार व अन्ना हजारे से भी सहयोग हेतु निवेदन करेंगे और उन्हें फरीदाबाद लेकर आयेंगे। इस अवसर पर दिल्ली से पर्यावरणविद् सोहेल मदान व शिक्षाविद् सीमा राणा, ऊषा चौधरी, दीपक कुमार, बबलू व समाज सेवी रविन्द्र फौज़दार, जयन्त कुमार, रजत जायसवाल, ललित डागर, ललित फौज़दार सहित दर्जनों लोग मौजूद थे।