New Delhi/Alive News : देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक (आरएसएस) और बीजेपी ने अपने कथित हिंदुत्व एजेंडे पर काम शुरू कर दिया है। कैराना का मामला उछालने के बाद बीजेपी के दो नेता रामशंकर कठेरिया और योगी आदित्यनाथ अपने भड़काऊ बयान को लेकर सुर्खियों में हैं।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री कठेरिया ने जहां शिक्षा के भगवाकरण पर केंद्रित बयान दिया है, वहीं गोरखपुर से सांसद योगी आदित्य नाथ ने राम मंदिर निर्माण को लेकर पार्टी लाइन से अलग बयान दिया है। संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भी कुछ इसी तरह के सुर अलापते हुए किसी स्थान का नाम लिए बगैर यूपी में हिंदु के पलायन को लेकर चिंता का इजहार किया है। विपक्ष का मानना है कि यूपी चुनाव में वोटों के ध्रुवीकरण को टारगेट करते हुए ऐसे बयान दिये जा रहे हैं। आइए डालते हैं इन बयानों पर नजर..
क्या कहा केंद्रीय मंत्री रामशंकर कठेरिया ने
रामशंकर कठेरिया ने कहा, शिक्षा में भी भगवाकरण होगा। देश में भगवाकरण होगा। जो देश के लिए अच्छा होगा वो जरूर होगा, चाहे वह भगवाकरण हो या संघवाद या कुछ भी हो। हालांकि वह इस पर बाद में सफाई देते भी दिखे। उन्होंने कहा कि मैंने कहा था कि जो देश हित में होगा, वह होगा। चाहे भगवा रंग हो या कोई और, देश हित में जो होगा उसे लागू करेंगे। भगवा रंग देखने का नजरिया बदलना होगा।
योगी आदित्यनाथ के विवादित बोल
बीजेपी के सांसद योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कौन-सी ताकत है जो आपको राम मंदिर बनाने से रोक सकती है। जब ढांचा ढहने से कोई नहीं रोक पाया तो मंदिर बनाने से कौन रोक पाएगा। अब तो निर्माण होना है…।
मोहन भागवत का बयान
वहीं आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत हिन्दुओं के पलायन का मुद्दा उठाते दिखे। उन्होंने कहा कि हिन्दुओं का पलायन रोकना सरकार की ज़िम्मेदारी है। उन्होंने यह बयान कैराना का नाम लिए बिना दिया। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश, पाकिस्तान नहीं, भारत में भी हिन्दुओं का पलायन हो रहा है। विस्थापन की खबरें दुखदायी और परेशान करने वाली हैं। शासन, लोगों के मन से निराशा दूर करे। शिवाजी ने हिंदुओं को एकजुट किया और शिवाजी का अनुकरण करने की ज़रूरत है।