Kannor/Alive News : केरल में सत्ताधारी लेफ्ट को चुनौती देने के लिए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने ‘जन रक्षा यात्रा’ शुरू की है. एक चैनल की खबर के अनुसार यात्रा के दूसरे दिन इसमें शिरकत करते हुए यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आठ किमी की पदयात्रा कर रहे हैं. इस अवसर पर बोलते हुए यहांं सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, ”केरल, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा की सरकारों के लिए यह यात्रा एक आईना है. उनको राजनीतिक हत्याएं रोकनी चाहिए. लोकतंत्र में हिंसा का कोई स्थान नहीं है लेकिन यहां राजनीतिक हत्याएं लगातार हो रही हैं.”
वैसे तो इस यात्रा के दौरान बीजेपी के कई केंद्रीय नेता शामिल होंगे लेकिन सवाल यह उठ रहे हैं कि यात्रा के लिए सीएम योगी, बीजेपी अध्यक्ष की पहली पसंद क्यों बने? दरअसल इसके पीछे सबसे बड़ी वजह यह मानी जा रही है कि पार्टी सीएम योगी की आक्रामक छवि को दूसरे राज्यों में भुनाने की तैयारी में है. इस बीच सूत्रों के मुताबिक केरल बीजेपी की तरफ से भी योगी आदित्यनाथ के कार्यक्रम की मांग की गई थी. वह केरल के संगठन के कार्यकर्ताओं की पहली पसंद थे. इसके पीछे सबसे बड़ी वजह यह मानी जा रही है कि जिन मुद्दों पर पार्टी के लोग केरल में लड़ रहे हैं, योगी आदित्यनाथ पहले से इन मुद्दों को उठाते रहे हैं. हिंदुत्व के चेहरे के तौर पर भी उनकी केरल में बीजेपी समर्थकों और कार्यकर्ताओं में काफी लोकप्रियता है.
इससे पहले मंगलवार को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं के खिलाफ माकपा की कथित हिंसा को लेकर विरोध जताने के लिए ‘भारत माता की जय’ के नारों के बीच मंगलवार को 15 दिन की पदयात्रा शुरू की थी. इस मुद्दे पर सत्तारूढ़ गठबंधन को हाशिये पर धकेलने और लोगों के बीच भाजपा को मजबूत करने की कोशिश करते हुए बीजेपी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और कई केंद्रीय मंत्रियों सहित पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से इसमें शामिल होने को कहा था. माना जा रहा है कि भाजपा केरल में वाम दलों को एक कड़ी चुनौती पेश करने वाली पार्टी के तौर पर उभर रही है.
पहले दिन शाह का माकपा पर ‘हमला’
तीन दिन तक ठहरने के अपने कार्यक्रम के पहले दिन मंगलवार को शाह ने मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के गृह नगर कन्नूर जिले से ‘जन रक्षा यात्रा’ शुरू की. नौ किमी पदयात्रा के दौरान उनके साथ काफी संख्या में समर्थक मौजूद रहे. उन्होंने सत्तारूढ़ माकपा पर भाजपा एवं आरएसएस कार्यकर्ताओं की राजनीतिक हत्या का आरोप लगाया. शाह ने कहा, ‘‘भाजपा और आरएसएस के 84 से अधिक कार्यकर्ता केवल इस जिले में मारे गए हैं. मैं पिनराई विजयन से पूछना चाहता हूं, उन्हें किसने मारा ? यदि उनके पास जवाब नहीं है तो मैं कहता हूं कि हत्याओं के लिए मुख्यमंत्री जिम्मेदार हैं.’’ भाजपा प्रमुख ने राज्य में राजनीतिक हिंसा में आरएसएस -भाजपा के मारे गए कार्यकर्ताओं के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की और उनकी याद में एक प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया.