Chandigarh/Alive News: हरियाणा में दस बेड वाले अस्पतालों में कोरोना मरीज न तो भर्ती होंगे, न ही उनका इलाज होगा। छह जिलों को इस बेड संख्या में छूट देते हुए बेड की संख्या 15-20 रखी गई है। इन अस्पतालों में सामान्य मरीजों का ही इलाज किया जाएगा। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से सभी डीसी और सिविल सर्जन को इस संबंध में आदेश जारी कर दिए गए हैं।
स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने पत्र लिखकर कहा है कि कोविड मरीजों के लिए आरक्षित बेड की संख्या में कोई कटौती न की जाए। गुरुग्राम, फरीदाबाद, पंचकूला, हिसार, सोनीपत व करनाल में सामान्य मरीजों का इलाज 15 से 20 बेड वाले अस्पतालों में होगा।
एस थ्री पोर्टल पर पंजीकृत नहीं हुए अस्पताल कोविड मरीजों का इलाज बिना पूर्व अनुमति के नहीं कर सकेंगे। अगर कोई सरकार के आदेश का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ आईपीसी की धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
निजी अस्पताल कोविड मरीजों की संख्या को देखते हुए बेड की संख्या बढ़एंगे। सिविल सर्जन ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करेंगे व वैकल्पिक प्रबंध भी करके रखेंगे। उन्होंने कहा कि आइसोलेशन मरीजों का भी पूरा ध्यान रखें और गंभीर मरीजों को तुरंत बेड उपलब्ध कराएं।
शिक्षण संस्थान 31 मई तक रहेंगे बंद
कोरोना संक्रमण को देखते हुए हरियाणा राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के चेयरमैन विजय वर्धन ने नए आदेश जारी किए हैं। 31 मई तक सभी आंगनबाड़ी, क्रेच, सरकारी-गैर सरकारी कालेज, कोचिंग संस्थान, आईटीआई, लाइब्रेरी, प्रशिक्षण संस्थान बंद रहेंगे। महिला एवं बाल विकास मंत्री कमलेश ढांडा ने कहा कि प्रदेश भर के सभी 25 हजार 962 आंगनबाड़ी केंद्र व सभी शिशु गृहों को 31 मई तक बंद रखने को मंजूरी दी है।
अप्रैल माह में ही आंगनबाड़ी केंद्रों को 30 अप्रैल तक बंद रखने का निर्णय किया गया था। इसके बाद आंगनबाड़ी केंद्रों तथा कामकाजी महिलाओं की देखभाल के लिए संचालित शिशु गृहों को 31 मई तक बंद रखने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। मंत्री ने कहा कि इस दौरान आंगनबाड़ी केंद्रों पर कार्यरत कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं द्वारा नौनिहालों, गर्भवती महिलाओं, दूध पिलाने वाली माताओं, किशोरियों को लाभ देना सुनिश्चित करेंगी।