November 18, 2024

रिटायरमेंट से पहले एक महिला अधिकारी पर लगाए प्रधानमंत्री और हरियाणा के मुख्यमंत्री को ट्ववीट कर गंभीर आरोप

Faridabad/Alive News: “अयोग्य होते हुए भी फर्जीवाड़ा करके नौकरी हासिल करने वाली शिक्षा विभाग की एक महिला अधिकारी पर गंभीर आरोप लगाते हुए आरटीआई एक्टिविस्ट ऋषि कुमार ने एक ट्वीट राष्ट्रपति भवन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर को किया है। जिसमें यह भी आरोप लगाए है कि उक्त अधिकारी ने माननीय न्यायलय की कार्यवाही से बचने के लिए जिस लेटर को ऑनलाइन रिकॉर्ड बताकर माननीय कोर्ट के फैसले को भी प्रभावित किया। हालांकि वो लेटर शिक्षा विभाग के पास रिकॉर्ड में ही नहीं है। यह जानकारी खुद ऋषि ने शिक्षा विभाग में 2018 में आरटीआई के तहत प्राप्त की।

इसमें उन्होंने तीन सीएम विंडो लगाई लेकिन उनकी शिकायत पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। उन्होंने उक्त महिला अधिकारी पर कई घोटालों और विभागीय षडयंत्रो में शामिल होने के गंभीर आरोप भी लगाए। ऋषि ने अपने ट्वीट में यह भी लिखा कि अब वह अधिकारी अपनी 33 साल की नौकरी पूरी करके तीस जून को रिटायर्ड हो रही हैं। जिला शिक्षा विभाग की एक और अधिकारी जोर शोर से रिटायर्ड होने से पहले अपनी क्लास वन अधिकारी के प्रमोशन का भी प्रचार कर रही हैं।”

जिला शिक्षा विभाग में कार्यरत कुछ अधिकारियों पर हमेशा से ही पावर का नशा सर चढ़ कर बोलता आ रहा है। जिला शिक्षा विभाग में कार्यरत कुछ उच्च अधिकारी अपनी पावर का गलत इस्तेमाल कर सही को गलत तथा गलत को सही करते आ रहे हैं। जिनको शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारी भी हाथ डालने से डरते हैं। ऐसा ही एक मामला जिला शिक्षा विभाग में चलता आ रहा है। पहले अध्यापक, फिर प्रिंसिपल और खंड शिक्षा अधिकारी से लेकर डिप्टी डीईओ के पद तक पहुंची अनीता शर्मा पर अपने पावर का गलत इस्तेमाल करने के आरोप लगते रहे हैं।

चण्डीगढ़ में बैठे उच्च अधिकारियों के साथ मिलीभगत करके अपनी बर्खास्तगी के बाद भी अनीता शर्मा अपने पद पर बनी हुई है और प्रमोशन भी लेती आ रही है। इतना ही नही शिक्षा विभाग में इतने भ्रष्टाचार को अंजाम देने के बावजूद भी उन पर कोई ठोस कार्यवाही नही की गई है और आगामी 30 जून को वह रिटायर हो रही हैं। यह जानकारी 28 अप्रैल 2021 को सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत एक अध्यापक ललित भारद्वाज ने शिक्षा विभाग में इस संबंध में एक आरटीआई लगाई। आरटीआई में विभाग द्वारा उक्त अधिकारी के बारे में की गई कार्यवाही की जानकारी मांगी गयी।

आरटीआई के अनुसार उक्त अधिकारी को 22 फरवरी 1995 को डिप्टी डीईओ के पद से बर्खास्त कर दिया गया था। लेकिन उक्त अधिकारी ने हाईकोर्ट में अपनी बर्खास्तगी पर स्टे ले लिया था। जिस पर सुनवाई करते हुए माननीय हाईकोर्ट ने 2012 में स्टे हटा दिया था। परंतु फिर भी वह अधिकारी 1994 से लेकर 2021 तक सेवा में बनी हुई है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार डिप्टी डीईओ अनीता शर्मा को 1994 में पीजीटी अध्यापक के पद से बर्खास्त कर दिया गया था। वह उच्च न्यायालय से स्टे लेकर सेवा में बनी हुई है। स्टे हटने के बावजूद उनका लगातार प्रमोशन होता आ रहा है। प्रमोशन के बाद पहले वह अध्यापक से प्रिंसिपल बनी उसके बाद खंड शिक्षा अधिकारी तथा अब वह डिप्टी डीईओ के पद पर कार्य करते हुए आगामी 30 जून को रिटायर भी हो रही है। शिक्षा निदेशालय ने ललित भारद्वाज की आरटीआई का जवाब देते हुए बताया कि अनीता शर्मा के दस्तावेज कार्यालय के रिकॉर्ड में उपस्थित ही नही है, ऐसे में यह सोचने का विषय है कि ना जाने और भी कितने भ्रष्ट अधिकारी अपनी पावर का दुरुपयोग कर बचकर रिटायर हो गए होंगे।

क्या कहना है महिला अधिकारी का
उनपर कार्यवाई हुई थी जिसको विभाग ने जांच में निर्दोष पाए जाने पर अपने बर्खास्दगी के आदेशों को वापिस ले लिया था और उसके बाद वह इन्ही दस्तावेजों से प्रिंसिपल का प्रमोशन, खंड अधिकारी और डिप्टी डीईओ निदेशालय द्वारा प्रमोशन किया गया है। विभाग की जांच के बाद ही सभी प्रमोशन किये गए है। ललित भारद्वाज द्वारा लगाए गए आरोप निराधार हैं। उन्होंने विभाग में ईमानदारी से नौकरी की है। अब उनपर कोई विभागीय जांच नहीं चल रही है। यह सब साजिश के तहत उनके प्रमोशन को रुकवाने और रिटारमेंट को खराब करने के लिए किया जा रहा है।

अनीता शर्मा, डिप्टी डीईओ फरीदाबाद।