Faridabad/Alive News : भूदत्त कॉलोनी बल्लभगढ़ स्थित सरस्वती विद्या मंदिर स्कूल में स्वदेशी के प्रथम शहीद बाबू गेनू के बलिदान दिवस का आयोजन विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष रामावतार की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य वक्ता स्वदेशी जागरण मंच हरियाणा के प्रान्त सह संयोजक सतेन्द्र सौरोत ने बताया कि 12 दिसम्बर का दिन भारत के स्वदेशी आंदोलन का अत्यंत महत्वपूर्ण दिन है। इसे स्वदेशी दिवस के रूप में भी मनाया जाता है, क्योंकि इस दिन बाबु गेनू ने 1930 में अपना बलिदान दिया।
लोकमान्य गंगाधर तिलक व महात्मा गांधी के स्वदेशी और बहिष्कार के आंदोलन से प्रेरित होकर वह विदेशी वस्त्रों से भरी लॉरी को रोकते हुए शहीद हो गया और स्वदेशी आंदोलन के लिए प्रथम बलिदानी होने का गौरव प्राप्त किया। सौरोत ने बताया की उस समय की अंग्रेज सरकार देश को आर्थिक दृष्टि से लूट रही थी। अंग्रेज कपास, रेशम, पटसन व लोहा आदि कच्चा माल भारत से ले जाते और तैयार माल लन्दन से लाकर बहुत महंगी कीमत पर भारत में बेचते। अंग्रेजो की इस कुटिल अर्थनीति को विफल करने के लिये लोकमान्य गंगाधर तिलक व महात्मा गांधी ने स्वदेशी अपनाने और विदेशी माल बहिष्कार करने का प्रबल अभियान चलाया। बाबु गेनू ने इसमें पूरी शक्ति से भाग लिया।
स्वदेशी जागरण मंच फरीदाबाद के महानगर संयोजक कुणाल राज गोयल ने आज के समय में स्वदेशी आंदोलन की प्रासंगिकता समझाते हुए सभी से स्वदेशी कंपनियों द्वारा निर्मित सामान खरीदने का आग्रह किया। कार्यक्रम में संबोधन करने वालों में प्रमुख रूप से विद्यालय के प्रधानाचार्य मुकेश कुमार, राजेन्द्र गोयल, गिरधारी लाल जुनेजा व हरीश कुमार आदि रहे।