नशे में ऑटो चालक…कहां है प्रशासन
ताक पर महिलाओं की सुरक्षा, पुलिस कब लेगी एक्शन
Faridabad /Poonam Chauhan : औद्योगिक नगरी की सडक़ों पर खुलेआम दौड़ती है मौत…जी हां, आपने सही सुना। नाबालिग चालकों के हाथ में ऑटो की कमान कुछ इसी ओर इशारा करती है। बिना लाईसेंस और बिना ट्रैफिक नियम ज्ञान के ये नाबालिग ऑटो चालक सडक़ों पर तेज रफ्तार में ऑटो दौड़ाते हैं और दुर्घटनाओं का कारण बनते है। आपको बता दें, फरीदाबाद में ‘जाम’ की समस्या विकराल है, और इस जाम के सबसे बड़े कारण भी यहीं ऑटो चालाक ही होते है, क्योंकि ये कहीं भी कैसे भी गाड़ी रोक देते है, ऐसा लगता है मानो इन पर कोई नियम लागू ही नहीं होते। इतना ही नहीं, ये ऑटो चालक नशे के आदी होते है और नशे की हालत में भी सडक़ों पर बेखौफ होकर ऑटो दौड़ाते है और महिला सवारी को देखकर फब्तियां कसते है या फिर कई बार गाली-गलौज भी करते है, लेकिन प्रशासन इन ऑटो चालकों पर कोई कार्यवाही नहीं कर रही है। फरीदाबाद इंडस्ट्रियल हब होने के कारण बाहरी लोगों की रिहायश यहां अधिक है, ऐसे में लोग यहां ऑटो पर अधिक डिपेंड है और आए दिन नौकरीपेशा लोगों और महिलाओं को इस तरह की समस्याओं से दो-चार होना पड़ता है।
– पुलिस के सभी पैंतरे फेल
शहर की यातायात व्यवस्था में सबसे बड़े बाधक बन रहे ऑटो चालकों को सुधारने की हर कोशिश नाकाम हो चुकी है। यातायात पुलिस द्वारा कई बार ऑटो चालकों के साथ बैठक की गई, यूनियन के पदाधिकारियों से विचार-विमर्श हुआ, नियमों का पालन करने की अपील भी की गई, बावजूद इसके ऑटो चालक अपनी मनमानी करने से बाज नहीं आ रहे हैं।
– नहीं है कोई ड्रैस कोड
शहर में ऑटो चालकों का कोई ड्रैस कोड नहीं है, ना ही सभी ऑटो चालकों के रिकोर्ड मौजूद है। इसी का लाभ उठाकर यह सवारियों से गाली-गलौज और अभद्र व्यवहार करते है, और वहां से रफूचक्कर हो जाते है। प्रशासन की यह जिम्मेदारी बनती है कि इन्हे नेम प्लेट और ड्रैस कोड लगाया जाए, जिससे बढ़ते क्राईम पर अंकुश लग सके।
खतरे में, महिलाओं की सुरक्षा
शहर में घटी कई रेप की घटनाओं को देखकर भी प्रशासन सतर्क नहीं है। महिलाओं को ऑटो चालकों की फब्तियां और इनकी गलत हरकतों से आए दिन दो-चार होना पड़ता है। इतना ही नहीं, कुछ ऑटो तो ऑटो कम और डीजे अधिक लगते है, जिनमें ऑटो चालक अश्लील गाने चलाते है, जिससे महिलाएं और लड़कियां खुद को असहज महसूस करती है। लेकिन ऐसे ऑटो चालकों पर अभी तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं हुई?
– वसूलते है मनचाही रकम
ऑटो चालकों की मनमानी इतनी बढ़ गई है कि यह सवारियों से मनचाही रकम वसूलते है और अपनी दादागिरी दिखाते है। हालही में शनिवार को हुई बरसात में ऑटो चालकों ने शहर में सवारियों से मनचाही वसूली की और पर्सनल जाने का दबाव बनाया तथा किराये में 100 से 200 रूपए की डिमांड की। मजबूरी में लोगों को परेशान होकर इनकी बात माननी पड़ी, लेकिन प्रशासन इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
– क्या कहते है डीसीपी ट्रैफिक
पुलिस लगातार ऑटो चालको का चलान काट रही है, इतना ही नहीं खुद उन्होंने बदरपुर बॉर्डर पर ऑटो यूनियन को इकठ्ठा कर ट्रैफिक रूल्स के बारे में कई बार जागरूकता अभियान चलाया है। उनके लाईसेंस बनाने और परमिट देने का काम ट्रासपोर्ट अथॉरटी के पास है। ऑटो की संख्या और ऑटो चालकों का की पहचान(ड्रैस कोड) का काम आरटीए के पास है। इसमें पुलिस सिर्फ चलान कर सकती है।
-विरेन्द्र विज, डीसीपी ट्रैफिक।
– क्या कहते है एडीसी
उक्त मामले को लेकर एडीसी से सम्पर्क किया गया तो उन्होंने प्रश्र के जबाव में ड्राईविंग करने का हवाला देते हुए फोन काट दिया। क्योंकि फरीदाबाद में आरटीए न होने के कारण इसका चार्ज एडीसी को दिया हुआ है।
-एडीसी, जितेन्द्र दहिया।