Chadigarh/Alive News: हरियाणा के निजी अस्पतालों में कोविड मरीजों से उपचार के नाम पर हो रही लूट की शिकायतों के बाद विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने करीब आधा दर्जन अस्पतालों पर कार्रवाई की सिफारिश की है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल और स्वास्थ्य मंत्री को लिखे पत्र में विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने ऐसे अस्पतालों के लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश भी की है।
जानकारी के मुताबिक गुप्ता ने मंगलवार को विधानसभा सचिवालय में पत्रकार वार्ता के दौरान बताया कि बड़ी संख्या में ऐसी शिकायतें पहुंची हैं और जांच में यह सही पाई गई हैं। उन्होंने कहा कि मामला विधानसभा की स्वास्थ्य सेवाएं संबंधी समिति के संज्ञान में भी लाया जाएगा। उन्होंने मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को लिखे पत्र में कहा कि शिकायतों से स्पष्ट है कि ऐसे अस्पतालों में लोगों का आर्थिक शोषण किया जा रहा है और सरकार को भी मोटी चपत लगाई जा रही है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा है कि निजी अस्पतालों और एंबुलेंस के रेट निर्धारित करने के बावजूद अधिक रेट की वसूली करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने लोगों से कहा कि ऐसे मामलों की शिकायत अवश्य दर्ज करवाएं ताकि कानूनी कार्रवाई की जा सके।
विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि निजी अस्पतालों की गतिविधियों से न केवल मरीज बल्कि उनके परिजनों का भी आर्थिक शोषण हो रहा है। साथ ही प्रदेश सरकार की छवि भी प्रभावित हो रही है। विधानसभा सचिवालय में पत्रकार वार्ता में गुप्ता ने कहा कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए केंद्र और हरियाणा सरकार पूरे मनोयोग से लगी हैं।
सरकार के बड़े प्रयासों से संतोषजनक परिणाम भी सामने आ रहे हैं। लेकिन प्रदेश में सक्रिय ऐसे तत्व कोविड महामारी को धन कमाने के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। उनके निर्देश पर पंचकूला प्रशासन ने ऐसी शिकायतों की जांच के लिए कमेटी गठित की है। कमेटी निजी अस्पतालों में उपचार के बिलों की जांच करती है।
कमेटी के सामने कई ऐसे मामले आए जहां मनमाने ढंग से रुपये वसूले जा रहे हैं। विशेषकर सरकारी कर्मचारियों और बीमित व्यक्तियों के बिल में धांधली कर मोटी चपत लगाई जा रही है। कमेटी की सिफारिशों पर उन्होंने मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर अनुशंसा की है कि ऐसे अस्पतालों का ऑडिट करवाया जाए।
इसके साथ ही लिखा है कि जो भी अस्पताल गलत बिल वसूलते पकड़ा जाए उसका लाइसेंस निरस्त किया जाए। स्वास्थ्य मंत्री ने आश्वस्त किया है कि पूरे प्रदेश से ऐसे अस्पतालों का डाटा जुटाया जा रहा है, इन पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि निर्धारित रेट से अधिक निजी अस्पताल नहीं ले सकते। ऐसा पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि सरकार ने एनएबीएच व जेसीआई मान्यता प्राप्त अस्पतालों में आइसोलेशन बेड का 10,000 रुपये, बिना वेंटिलेटर के आईसीयू बेड का 15,000 रुपये, वेंटिलेटर युक्त आईसीयू बेड का 18,000 रुपये प्रतिदिन की दर से रेट तय किए हैं। बिना एनएबीएच मान्यता प्राप्त अस्पतालों में आइसोलेशन बेड का 8,000 रुपये, बिना वेंटिलेटर के आईसीयू बेड का 13,000 रुपये, वेंटिलेटर युक्त आईसीयू बेड का 15,000 रुपये प्रतिदिन की दर से रेट तय है।
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री-जन आरोग्य योजना के तहत सूचीबद्ध अस्पतालों के लिए भी संशोधित दरें की हैं। बिना एनएबीएच मान्यता प्राप्त अस्पतालों में सामान्य वार्ड के लिए 2160 प्रतिदिन, एनएबीएच मान्यता प्राप्त अस्पतालों के लिए 2400 रुपये प्रतिदिन निर्धारित किया गया है।
इसी प्रकार बिना एनएबीएच मान्यता प्राप्त अस्पतालों में एचडीयू श्रेणी के वार्ड के लिए 3240 रुपये व एनएबीएच मान्यता प्राप्त अस्पतालों के लिए 3600 रुपये प्रतिदिन निर्धारित किया गया है।
बिना एनएबीएच मान्यता प्राप्त अस्पतालों में बिना वेंटिलेटर के आईसीयू बेड के लिए 4320 रुपये प्रतिदिन, एनएबीएच मान्यता प्राप्त अस्पतालों के लिए 4800 रुपये प्रतिदिन निर्धारित किया गया है। बिना एनएबीएच मान्यता प्राप्त अस्पतालों में वेंटिलेटर युक्त आईसीयू बेड के लिए 5400 रुपये, एनएबीएच मान्यता प्राप्त अस्पतालों में 6000 रुपये प्रतिदिन निर्धारित किया गया है।
एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस के लिए 30 रुपये प्रति किलोमीटर, बेसिट लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस के लिए 15 रुपये प्रति किलोमीटर निर्धारित किया गया है। इसके अलावा 10 किलोमीटर के स्थानीय क्षेत्र के लिए सिर्फ 500 रुपये किराया निर्धारित है।