December 22, 2024

अमृतपाल लड़ेंगे चुनाव, पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के आदेश पर भरवाया नामांकन

Amritsar/Alive News : खालिस्तानी समर्थक और वारिस पंजाब दे संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह खडूर साहिब लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। नामांकन भरने के लिए अमृतपाल सिंह के वकील ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी। जिसमें अमृतपाल ने नामांकन भरने के लिए 7 दिन की मोहलत मांगी थी। मगर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए अपने फैसला सुनाया था। जिसके बाद अमृतपाल का श्री खडूर साहिब से नामांकन भरवा दिया गया।

बता दें कि पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने फैसले में कहा था कि डिब्रूगढ़ जेल के सुपरिटेंडेंट अमृतपाल का सारा नामांकन का प्रोसेस हैंडल करेंगे। कोर्ट ने कहा था कि सोमवार तक ये सारा प्रोसेस पूरा किया जाए। मगर सुपरिटेंडेंट द्वारा ये प्रोसेस आज ही पूरा कर दिया गया।

बता दें कि, असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद अमृतपाल के खिलाफ सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत कार्रवाई की थी। याचिका में अमृतपाल ने कहा था कि सात दिन के लिए उसे जेल से रिहा किया जाए, जिससे वह अपने चुनाव
लड़ने की प्रक्रिया पूरी कर सके।

श्री खडूर साहिब से निर्दलीय चुनाव लड़ेगा अमृतपाल
बता दें कि, अमृतपाल सिंह ने पंजाब के श्री खडूर साहिब क्षेत्र से निर्दलीय लोकसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया था। इस मामले पर आज पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में जस्टिस विनोद एस भारद्वाज ने सुनवाई की। याचिका में अमृतपाल ने कहा था कि नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 14 मई है।

याचिका में अमृतपाल ने पंजाब सरकार, भारत निर्वचान आयोग, डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल के अधीक्षक और पंजाब राज्य चुनाव आयोग को चुनावी प्रक्रिया पूरी करने की मोहलत देने की मांग की है। याचिका में कहा कि मुझे चुनाव लड़ने के लिए नामांकन पत्र भरना जरूरी है।

कौन है खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह
अमृतसर के जल्लूपुर खेड़ा गांव का रहने वाला अमृतपाल सिंह 2012 में काम के सिलसिले में दुबई गया था। कुछ साल पहले वह वापस लौट आया। दुबई में अमृतपाल ट्रांसपोर्ट का काम करता था। भारत लौटकर उसने खालिस्तानी समर्थक दीप सिद्धू के संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ को संभालना शुरू कर दिया था।

जिसके बाद अमृतपाल ने पंजाब के युवाओं को भड़काना शुरू कर दिया। ये सिलसिला करीब 8 माह तक चला था। जिसके बाद पंजाब पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों की मदद से अमृतपाल के साथियों को गिरफ्तार किया था। मगर वह वहां से फरार हो गया था। फिर कुछ दिनों बाद पुलिस ने अमृतपाल को मोगा के पास से गिरफ्तार किया था।
देश विरोधी गतिविधियों करने पर लगाया गया था एनएसए

देश विरोध गतिविधियों को देखते हुए अमृतपाल के खिलाफ एनएसए के तहत कार्रवाई की गई थी। एनएसए लगाने के बाद अमृतपाल और उसके साथियों को पंजाब की जेल में नहीं बल्कि असम सरकार से बातचीत कर डिब्रूगढ जेल में
भेज दिया गया था। तब से अमृतपाल वहीं पर सजा काट रहा है। बीते दिन कोर्ट ने अमृतपाल और उसके साथियों पर नए सिरे से एनएसए लगाने के आदेश दिए थे।