Faridabad/Alive News: ट्यूशन पढ़ाने वाला अध्यापक कभी भी विद्यार्थी के साथ न्याय नही कर सकता क्योंकि उस अध्यापक का झुकाव स्कूल के विद्यार्थियों के मुकाबले ट्यूशन लेने वाले विद्यार्थी पर ज्यादा होता है। यही से उस विद्यार्थी का शैक्षणिक पतन शुरू हो जाता है। अध्यापक पहले विषय में खुद पढ़े उसके बाद विद्यार्थियों को पढ़ाए। अध्यापक की कमांड अपने विषय पर होना जरूरी है। यह विचार शिक्षाविद् प्रोफेसर डॉ. एम.पी.सिंह ने ‘अलाईव न्यूज’ द्वारा पर्वतीय कॉलोनी स्थित के.डी पब्लिक स्कूल में आयोजित ‘अध्यापक और अध्यापन’ विषय पर प्रशिक्षण सेमिनार में बोलते हुए अध्यापको को कहे।
उन्होनें कहा कि आदर्श अध्यापक ही समाज को आदर्श विद्यार्थी दे सकता है। अध्यापको को अपने शब्दों का उचित चयन करते हुए मर्यादित रहना चाहिए। प्रोफेसर डॉ. एम. पी सिंह ने कहा कि अध्यापक का दर्जा भगवान से भी ऊपर है और जिम्मेदार अध्यापक से ही स्कूल आगे बढ़ता है। डॉ. सिंह ने कहा कि एक आदर्श अध्यापक से ही स्कूल, विद्यार्थी और समाज की दूरदर्शिता तय होती है, क्योंकि आधुनिक युग में चुनौतीपूर्ण कार्य करने के लिए समाज, प्रशासन और सरकार ने अध्यापक और स्कूल को चुना है।
डॉ. सिंह ने सेमिनार में सैकडों अध्यापको को अध्यापन का ज्ञान देते हुए स्कूल, विद्यार्थी, अभिभावक सहित प्रत्येक विषय पर बारीकी से समझाया, प्रशिक्षण सेमिनार के दौरान मौजूद के.डी स्कूल के डॉयरेक्टर अजय यादव ने डॉ. एम.पी सिंह और सेमिनार के लिए ‘अलाईव न्यूज’ टीम का धन्यवाद किया। स्कूल की प्रिसिंपल सोनिया यादव ने सेमिनार में बताई गई बारीकियों पर चर्चा करते हुए डॉ. सिंह का ह्दय से अभिनन्दन करते हुए कहा कि आज सही समय पर गुरूओ को गुरू ज्ञान मिला है यह ज्ञान उनके स्कूल के अध्यापकों और उनके लिए अमुल्य भेंट है।