November 16, 2024

‘अलाईव न्यूज’ अध्यापक प्रशिक्षण सेमिनार : श्रेष्ठ अध्यापक बनने के चार मंत्र

Faridabad/Alive News : आर्दश अध्यापक का कार्य विद्यार्थी को पशु से मनुष्य तक ले जाना (यात्रा कराना) होता है। अध्यापक अपने छात्रों के विचारों को पनपन्ने दे उन्हे बाहर आने से रोके नही, ना ही उनके विचारो को दबाने का प्रयास करे। संयम और चिंतन के द्वारा आप विद्यार्थियों के मन मस्तिष्क पर अपनी अलग छाप छोड़ सकते है और संयम के द्वारा आप बेहतर परिणाम पा सकते है यह वाक्य डॉ.जगदीश चौधरी ने पल्ला के भारतीय विद्या कुंज स्कूल में अलाईव न्यूज द्वारा आयोजित ‘अध्यापक और अध्यापन’ सेमिनार में कहे।

उन्होंने कहा कि एक चिंतनशील और आर्दश अध्यापक कभी परेशान नहीं होता क्योंकि वह चिंतन, संयम, सत्य का बोध और संचार के द्वारा अपने गुणो को जानकर छात्रों के मस्तिष्क को कंट्रोल में कर लेता है। जिससे छात्रों में सेल्फ डिस्प्लेन की भावना डेवलप होती है। उन्होंने कहा कि अगर आप अपने आप को जानते है और समझते है और अपने गुणो को पहचानते है तो आपके विद्यार्थी कभी असफल नही हो सकते। उन्होंने कहा कि ज्ञान का स्तर बढऩे के साथ ही तनाव का स्तर कम होने लगता है। अगर आपको ज्ञान ही नहीं होगा तो आपकी परेशानी लाजमी है, बच्चों के स्तर से ज्यादा ज्ञान होना जरूरी है तभी आ असल मायने में अध्यापक कहलाने के हकदार होंगे। अगर आपको बच्चों के बराबर ही नॉलेज है तो आप अध्यापक बनने के लायक नही। उन्होंने कहा कि हमें घमण्ड को त्याग कर ज्ञान के स्तर को बढ़ाने की आवश्यकता है।

वहीं अलाईव न्यूज के संपादक तिलक राज शर्मा ने अपने सम्बोधन में कहा कि अध्यापक शब्द ही जिम्मेदारियों भरा है। उन्होंने कहा कि अध्यापकों को अध्यापन की ओर ले जाने का उद्देश्य अलाईव न्यूज द्वारा करीब चार साल पहले शुरू किया गया था। इस मुहीम में दिल्ली एनसीआर से प्रोफेसर एवं शिक्षाविदों ने जुडकर एक आर्दश अध्यापक समाज को देने के लिए भरसक प्रयास किए जा रहे है। इन्ही प्रयासो के तहत स्कूलों में अध्यापक और अध्यापन पर सेमिनार आयोजित कर टीचर को आचार्य बनाने के लिए विस्तार से अध्यापकों को उनके कत्र्तव्यों का बोध कराया जा रहा है।

स्कूल की प्रिंसीपल डॉ. कुसुम शर्मा ने स्कूल पहुंचने पर अलाईव न्यूज की टीम का बुके भेटकर स्वागत किया। वहीं कार्यक्रम के अंत में बालाजी कॉलेज के डायरेक्टर एवं प्रोफेसर डॉ. जगदीश का प्लांट भेटकर स्वागत किया।