December 24, 2024

‘अलाईव न्यूज’ अध्यापक प्रशिक्षण सेमिनार : अन्दर के अध्यापक को मरने न दें, 24 घण्टे रखें जिंदा

Faridabad/Alive News : अध्यापक पहले खुद को अनुशासित बनाए, फिर विद्यार्थियों को अनुशासन के लिए कहें। अध्यापकों को जरूरत है कि वह अपने अंदर के अध्यापक को 24 घण्टे जिंदा रखे, मरने न दें। अध्यापक जो भी विषय विद्यार्थियों को पढ़ाता है, उसकी तैयारी पहले से ही करें। यह विचार शिवदुर्गा बिहार स्थित आईडियल पब्लिक स्कूल में ‘अलाईव न्यूज’ द्वारा ‘अध्यापक और अध्यापन’ विषय पर आयोजित अध्यापक प्रशिक्षण सेमिनार में अध्यापकों को सम्बोधित करते हुए शिक्षाविद् एवं ए.डी. स्कूल के चेयरमैन डॉ. सुभाष श्योरान ने कहे।

उन्होनें कहा कि अध्यापक बनना अब आसान नही है, क्योंकि समाज में अध्यापक की जिम्मेदारी पहले से ज्यादा बढ़ गई है तथा मुख्यत: स्कूल में कोच, पीटीआई, ड्राइंग, डांस, संगीत जैसे विषयों के अध्यापकों को खासकर छात्रा विद्यार्थियों से गेप बनाकर सावधान रहने की आवश्यकता है। डॉ. सुभाष श्योरान कहा कि किसी भी शिक्षण संस्थान की उन्नति स्कूल के अध्यापकों पर टीकी है। अगर, अध्यापक ही बच्चों और उनके अविभावकों की अच्छे से नही सुनेगें तो भविष्य में अध्यापकों की गलती का खामियाजा स्कूल को भुगतना पड़ सकता है। उन्होनें कहा कि अध्यापक पहले अपनी गलती माने उसके बाद दूसरों पर टीका-टिप्पणी करें, तभी विद्यार्थी-अभिभावकों और स्कूल की समस्याओं का समाधान होगा। उन्होनें कहा कि अध्यापकों को अध्यापन के क्षेत्र में सुधार करने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि एक आदर्श अध्यापक ही विद्यार्थियों को अपने सामने झुका सकता है और विद्यार्थी ऐसी ही अध्यापक को सम्मान देते हैं। डॉ.सुभाष ने अध्यापकों को विद्यार्थी, समाज और देश के प्रति नैतिक डयूटी समझाते हुए कहा कि पहले अध्यापक अपने पहनावे का ध्यान रखे और बच्चों में वो संस्कार डाले, जिससे बच्चा जीवन की गाड़ी को अंत तक सुगमता से ले जा सके। उन्होंने कहा कि अध्यापक को विद्यार्थी से बात करते समय उचित शब्द का प्रयोग करना चाहिए। अध्यापक बच्चों के सामने दूसरे अध्यापकों की निंदा न करें। अध्यापक विद्यार्थियों में माता-पिता बनकर संस्कार डाले, तभी विद्यार्थी का कल्याण होगा। डॉ. सुभाष ने प्रशिक्षण सेमिनार में अध्यापकों को बताया कि पहले अध्यापक अपने काम से प्यार करें, फिर खुद से प्यार करें, तभी विद्यार्थियों उनसे प्यार करेंगे।

उन्होनें कहा कि अध्यापक जैसा सोचेगा वैसा ही उसका व्यवहार बनेगा तथा प्रत्येक अध्यापक स्कूल की आत्मा होता है अगर, आत्मा ही अपने पथ से विचलित होगी तो दूरगामी परिणाम पोजिटिव होने की संभावना कम हो जाती है। सेमिनार के अंत में स्कूल की प्रिंसीपल सुदेश भड़ाना व वाईस प्रिंसीपल रश्मी भारती ने डॉ. सुभाष श्योरान और ‘अलाईव न्यूज’ टीम का बुके भेंट कर धन्यवाद किया। स्कूल की प्रिंसीपल सुदेश भड़ाना ने ‘अलाईव न्यूज ग्रुप’ का प्रशिक्षण सेमिनार आयोजित करने पर धन्यवाद किया।