Chandigarh/Alive News: हरियाणा में ब्लैक फंगस अब सामान्य लोगों को भी चपेट में ले रहा है। ये लोग न तो कोरोना पॉजिटिव थे और न ही मधुमेह के मरीज। स्ट्रेरॉयड और ऑक्सीजन सपोर्ट भी नहीं ली फिर भी उनको ब्लैक फंगस हो गया। तथ्यों को देखते हुए हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने ब्लैक फंगस के कारणों को जानने के लिए और ज्यादा रिसर्च की बात कही है।
अनिल विज ने बताया कि ब्लैक फंगस के अलग-अलग मेडिकल कॉलेजों में दाखिल 413 मरीजों का विश्लेषण किया गया है। जांच में पाया है कि जो सामान्य लोग थे, उनको भी फंगस हुआ है। इनमें 64 ऐसे मरीज हैं, जो कोरोना पॉजिटिव नहीं हुए। 79 ऐसे हैं, जिनको मधुमेह की बीमारी नहीं है फिर भी उनको ब्लैक फंगस हो गया।
110 मरीजों ने कभी स्टेरॉयड नहीं ली और 213 मरीजों ने ऑक्सीजन सपोर्ट भी नहीं लिया लेकिन ब्लैक फंगस की चपेट में आ गए हैं। ऐसे में ब्लैक फंगस के बढ़ते मामले स्वास्थ्य विशेषज्ञों के लिए भी बड़ी चुनौती बन गई है, क्योंकि पहले ये माना जा रहा था कि कोरोना मरीजों में यह स्टेरॉयड या फिर ऑक्सीजन सपोर्ट लेने वालों को हो रही है। सामान्य लोगों में ब्लैक फंगस का संक्रमण सामने आना चिंताजनक है।
स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि ब्लैक फंगस पर अधिक शोध की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों में ब्लैक फंगस के 413 मरीज भर्ती हैं। इन मरीजों में से 64 तो ऐसे हैं, जो कभी कोरोना संक्रमित ही नहीं हुए। 213 मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत ही नहीं पड़ी। इसके बावजूद इन मरीजों को ब्लैक फंगस होना चिंता की बात है। इस पर वैज्ञानिकों और केंद्र सरकार को ध्यान देने की जरूरत है।