अनमैरिड महिला पूजा जब अपने देर से आते पीरियड को लेकर गाइनेकोलॉजिस्ट के पास गईं तो उन्होंने पूजा से बेहद पर्सनल सवाल पूछने शुरू कर दिए. 28 साल की पूजा से डॉक्टर ने पूछा कि वह शादीशुदा हैं या नहीं, कितने दिन से ब्वॉयफ्रेंड हैं, कितनी बार बिना प्रोटेक्शन के सेक्स किया है और क्या पूजा के पेरेंट्स ये बात जानते हैं. डॉक्टर ने महिला को यहां तक कह दिया कि प्रेग्नेंट होने से बचने के लिए सेक्स नहीं करना ही उपाय है. पूजा डॉक्टर की बात से काफी परेशान हुई. असल में ये बात सिर्फ पूजा की नहीं हैं. भारत में काफी महिलाएं अपने सेक्शुअल हेल्थ को लेकर डॉक्टरों की ओर से ऐसे खराब व्यवहार का सामना करती है. इसी के खिलाफ करीब 45,000 महिलाओं और पुरुषों ने आवाज उठाई है. आइए जानते हैं पूरा मामला..
अनमैरिड महिलाओं की सेक्शुअल हेल्थ को लेकर डॉक्टरों के खराब व्यवहार को बदलने के लिए change.org पर 45 हजार महिलाओं और पुरुषों ने एक कैंपेन को समर्थन दिया है. कैंपेन में Gynecological Societies of India से महिलाओं के सेक्शुअल हेल्थ राइट को प्रोटेक्ट करने की मांग की गई है. इसको लेकर हैया नाम की संस्था ने दिल्ली की करीब 500 महिलाओं से बात कर 10 प्वाइंट्स को सामने रखा है. आगे जानिए क्या हैं वे प्वाइंट्स…
– महिलाओं का कहना है कि डॉक्टर उनकी पर्सनल जानकारी को उनके पेरेंट्स या पार्टनर के साथ शेयर नहीं करें, भले ही वे लोग इसकी मांग करें.
– एक वयस्क के तौर पर महिला के ट्रीटमेंट के दौरान पेरेंट्स की इजाजत की मांग न की जाए.
– महिलाओं से उस तरह के पर्सनल सवाल न किए जाएं, जिसकी इलाज के लिए जरूरत नहीं हो.
– आपकी शादी हुई है क्या, ये पूछने की जगह ये पूछा जाए कि क्या महिलाएं सेक्शुअली एक्टिव हैं.
– बिना जजमेंटल हुए डॉक्टर महिलाओं के सेक्शुअल प्लीजर, सटिस्फैक्शन और पीरियड के बारे में बात करें.
– डॉक्टर महिलाओं को खुलकर प्रेग्नेंसी से बचाव के सभी तरीके बताएं.
– जब तक महिला न चाहे, सेक्शुअल एक्टिविटी के बारे में बात करने से पहले, डॉक्टर महिला के पार्टनर या पेरेंट्स को वहां से जाने को कहें.
– सामाजिक रुढिवादी बातें, जैसे वर्जिन होने की बात न की जाए, बल्कि उसकी जगह हेल्थ से जुड़ी चीजें डॉक्टर बताएं.