Faridabad/Alive News : जे.सी बोस विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, वाईएमसीए, फरीदाबाद के कैरियर एवं काउंसलिंग प्रकोष्ठ के अंतर्गत सिविल सर्विसेज फोरम द्वारा एलुमनी एसोसिएशन ‘वाईएमसीए माॅब’ के सहयोग से भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के साथ एक पैनल चर्चा का आयोजन किया गया।
सत्र की अध्यक्षता कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने की तथा विद्यार्थियों को यूपीएससी परीक्षा पास करने के लिए कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय विद्यार्थियों को इस तरह तैयार करने का प्रयास कर रहा है जो सैद्धांतिक ज्ञान में दक्षता के साथ-साथ व्यावहारिक रूप से योग्य बने। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित सभी आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अधिकारियों का स्वागत किया। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण के सलाहकार आईटीएस अनिल भारद्वाज भी कार्यक्रम में अपने विचार साझा किये।
सिविल सर्विसेज फोरम की समन्वयक डॉ. पारुल गुप्ता ने कार्यक्रम का परिचय देते हुए इस मंच की स्थापना के लिए कुलपति को धन्यवाद दिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. मानवी एवं डॉ. अश्लेषा गुप्ता ने किया।
पैनल चर्चा की शुरुआत सिविल सेवा अधिकारियों ने करियर के विभिन्न पहलुओं के बारे में बात की। आईपीएस डॉ अंशु सिंगला, डीसीपी एनआईटी फरीदाबाद ने विद्यार्थियों को करियर के लिए प्रेरणा और तैयारी को लेकर बल महत्व दिया। आईएएस निशांत जैन, निदेशक राजस्थान पर्यटन ने विद्यार्थियों को समझाया कि यूपीएससी को क्यों चुनना चाहिए और देश के विकास में इसकी प्रमुख भूमिका क्या है। उन्होंने जीवन में प्लान-बी का महत्व भी समझाया।
आईएएस विशाखा यादव, सहायक आयुक्त दिल्ली ने अच्छे परिणाम प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत, समय प्रबंधन और निरंतरता पर जोर दिया। करनाल के सहायक आयुक्त आईएएस प्रदीप सिंह ने विद्यार्थियों को बताया कि यूपीएससी या जीवन के किसी अन्य क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने का सबसे अच्छा तरीका आत्म-प्रेरणा है। उन्होंने विद्यार्थियों को अच्छे परिणामों के लिए रणनीतिक तरीके से यूपीएससी की तैयारी करने की सलाह दी। कार्यक्रम के संयोजक और पूर्व छात्र आईएफएस योगेश गर्ग ने करियर में विफलता के प्रभावों पर प्रकाश डाला।
उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि असफलता अंत नहीं है, बल्कि यात्रा का एक हिस्सा है। इससे सीख लेकर सफलता की ओर बढ़ना चाहिए।
पैनल चर्चा के बाद विद्यार्थियों ने प्रश्न एवं उत्तर सत्र में विशेषज्ञ वक्ताओं से अहम जानकारी हासिल की। सत्र का समापन डॉ. अरविन्द गुप्ता ने धन्यवाद प्रस्ताव से हुआ। संकाय सदस्यों में डॉ. सोनिया बंसल, डॉ. पारुल गुप्ता, डॉ. अश्लेषा गुप्ता और डॉ. मानवी तथा छात्र समन्वयक प्रज्वल, वर्षित, सिद्धांत और राहुल ने सत्र के आयोजन में सहयोग दिया।