Faridabad/Alive News : नगर निगम चुनावों को लेकर राज्य सरकार को एक बार फिर से अदालत में मुंह की खानी पड़ी है। अदालत ने सरकार की तैयारियों पर पानी फेरते हुए निगम चुनावों पर स्टे लगा दिया है। स्टे पर अगली सुनवाई 9 नवंबर को होगी। जबकि दूसरी ओर राज्य सरकार एवं निर्वाचन आयोग फरीदाबाद में नगर निगम का चुनाव करवाने की पूरी तैयारी कर चुका है।
वार्ड बंदी फाईनल करने के साथ-साथ बीते वीरवार को आरक्षण का ड्रा भी कर दिया गया। हालांकि आरक्षण का ड्रा पूरी तरह से पर्दे के पीछे बंद कमरे में किया गया, मीडिया की नजरों से छुपाकर ड्रा करवाया गया है। लेकिन ड्रा होने के तुरंत बाद राज्य सरकार के मुंंह पर करारा तमाचा मारते हुए अदालत ने चुनावी तैयारियों पर स्टे लगा दिया। आज शुक्रवार को हाईकोर्ट की सिंगल बैंच के न्यायाधीश रामेश्वर सिंह मलिक ने वार्डबंदी कमेटी में अनियमितताओं को लेकर दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए स्टे के आदेश जारी किए। याचिकाकर्ता नगर निगम के पूर्व सीनियर डिप्टी मेयर मुकेश शर्मा, डिप्टी मेयर राजेंद्र भामला एवं पूर्व पार्षद योगेश ढींगड़ा ने सरकार की चुनावी तैयारियों को देखते हुए अदालत में दो एपलीकेशन लगाई थीं। इनमें से एक एपलीकेशन के माध्यम से निगम चुनावों पर जल्द सुनवाई और दूसरी के माध्यम से चुनावों पर स्टे की मांग की गई थी।
जल्द सुनवाई की एपलीकेशन को अदालत ने रद्द कर दिया, जबकि दूसरी एपलीकेशन पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश मलिक ने चुनावों पर स्टे लगा दिया। याचिकाकर्ता पूर्व पार्षद योगेश ढींगड़ा ने कहा कि यह जनता की जीत है। राज्य सरकार मदमस्त होकर जनता की आवाज को दबाते हुए जबरन चुनाव करवाना चाहती है। पहले वार्डबंदी में कथित तौर पर धांधली की गई और बाद में वार्डो के आरक्षण में सरकार ने अपने चहेतों का लाभ पहुंचाया है। लेकिन जनता सब जानती है और सब कुछ देख भी रही है। अदालत ने सरकार की मंशा पर नाराजगी जताते हुए ही 9 नवबंर तक स्टे लगाया है। ढींगड़ा ने अदालत की कार्रवाई पर संतोष जताया और कहा कि फरीदाबाद को न्याय अदालत से ही मिलेगा।