Health/Alive News: आज के समय में हम जिस प्रकार की तनावभरी जीवनशैली जी रहे हैं, ऐसे में व्यक्ति को पूरी नींद लेना जरूरी है। लेकिन लोगों का स्लीपिंग पैटर्न खराब होने के कारण ना तो वे भरपूर नींद ले पाते हैं और हर वक्त चिड़चिड़ाहट भी महसूस करते हैं। भरपूर नींद लेने से व्यक्ति का शरीर तनाव से दूर रह सकता है। बता दें कि जब हम रात को सोने जाते हैं तो हमारा शरीर मेलाटोनिन हॉर्मोन रक्तप्रवाह में छोड़ता है, जिसके कारण शरीर के तापमान में गिरावट आ सकती है। वहीं दिन में सूर्य के प्रकाश में मेलाटोनिन के उत्पादन में रुकावट आ सकती है। ऐसे में स्लीप साइकिल का सही होना जरूरी है। हालांकि तनावभरी जीवनशैली के कारण लोगों के सोने की आदत बदलने लगती है और कभी वे जल्दी तो कभी देर से सोना शुरू कर देते हैं। ऐसे में सोने की आदत में सुधार लाना जरूरी है। आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि स्लीप साइकिल को कैसे बदला जा सकता है।
अकसर आपने देखा होगा कि कुछ लोग दिन में बार-बार उबासी लेते हैं। ऐसे में वे डे नैप लेते हैं। ऐसा उन लोगों के साथ होता है जिनकी नींद रात को पूरी नहीं होती। दिन में सोने से व्यक्ति के स्लीपिंग पैटर्न खराब हो सकता है। हालांकि शुरुआत में दिन में सोने की आदत को बदलने में दिक्कत हो सकती है लेकिन ऐसा करने से व्यक्ति को रात में जल्दी सोने में सहायता मिल सकती है। नींद की कमी आपके फोकस को खराब कर सकती है, जिससे ध्यान केंद्रित करना, सीखना और चीजें याद रखना कठिन हो जाता है। अगर आप पर्याप्त नींद नहीं ले रहे हैं, तो इससे आप चिड़चिड़े, मूडी और तनाव, एंग्जायटी या यहां तक कि डिप्रेशन का शिकार भी हो सकते हैं। नींद की कमी होने पर सिरदर्द, कमजोर इम्युनिटी, ज्यादा भूख लगना और वजन बढ़ने जैसे शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं। अगर आपको डार्क सर्कल्स, फाइन लाइन्स जैसी त्वचा संबंधी समस्याएं हो रही हैं, तो यह संकेत है कि आप पर्याप्त नींद नहीं ले रहे हैं।
अलग-अलग व्यक्तियों के लिए नींद की जरूरत भी भिन्न होती है। उम्र के मुताबिक नींद की आवश्यकता अलग-अलग होती है। हालांकि, ज्यादातर वयस्कों को रोजाना 7-8 घंटे की क्वालिटी नींद की जरूरत होती है। वहीं, बच्चों और किशोरों को और ज्यादा की आवश्यकता है।