November 18, 2024

एक डर और कर दी मुगल सेनापति ने अपनी 63 पत्नियों की हत्या

Travel Desk : अब तक आपने भारत के इतिहास में परिवारों के बीच सत्ता के लिए खूनी रंजिशों की कहानियां सुनी होंगी। लेकिन क्या कभी आपने सुना है कि कोई शासक अपनी 63 पत्नियों को सिर्फ़ इसलिये मार डाले कि कहीं उसके मरने के बाद वे दोबारा शादी न कर लें। ये बात आपको हैरान जरुर करेगी, लेकिन इतिहास के पन्नों में ऐसी ही एक घटना आज भी दर्ज है।

जानिए किस शासक ने करवाई थी 63 पत्नियों की हत्या…
– कर्नाटक के बीजापुर से लगभग 5 किलोमीटर दूर एक उजाड़ स्थल पर पांच एकड़ में फैली कब्रगाह है, जिसका नाम है ‘साठ कब्र’।
– ऐसी कहानी प्रचलित है कि ये कब्रें आदिलशाही सल्तनत के सेनापति अफजल खान ने अपनी 63 पत्नियों की हत्या के बाद बनाई गई थीं।
– दरअसल, औरंगज़ेब और शिवाजी के बीच लगातार युद्ध जारी थे। इस बीच आदिलशाही द्वितीय (जिसने बीजापुर पर कई वर्षों तक शासन किया) ने सेनापति अफजल खान को शिवाजी पर चढ़ाई के आदेश दिए।

ऐसा क्या हुआ कि करवा दी पत्नियों की हत्या
– बताया जाता है कि अफजल खान के पास एक बड़ी सेना थी, लेकिन फ़िर भी वह ज्योतिष पर भरोसा करता था।
– खान को शिवाजी से युद्ध पर जाने के पहले उसके ज्योतिषियों ने उसके जीवित वापस न लौटने की भविष्यवाणी की।
– मौत का डर अफज़ल खान को सताने लगा। उसे डर था कि कहीं उसकी मौत के बाद उसकी पत्नियां दूसरी शादी न कर लें, इसलिये सभी 63 पत्नियों को मार डालने की योजना बनाई।

बावड़ी में एक-एक कर ढकेला पत्नियों को…
– इसके बाद अफज़ल खान अपनी सभी पत्नियों को एक साथ बीजापुर के बाहर एक सुनसान स्थल पर लेकर गया।
– यहां एक बड़ी बावड़ी में उसने एक-एक करके अपनी पत्नियों को उसमें ढकेलना शुरु किया। यह देख दो पत्नियों ने भागने की कोशिश की लेकिन उसने सैनिकों को उन्हें मार गिराने का हुक्म दिया।
– सभी 63 पत्नियों की हत्या के बाद अफज़ल खान ने बावड़ी के पास में सभी 63 पत्नियों की कब्र एक साथ बनवाई।

बीजापुर से सबसे नजदीकी एयरपोर्ट बेलगाम में है, जो 205 किमी. की दूरी पर है। मुम्बई और बैंगलोर से यहां के लिए आसानी से फ्लाइट्स मिल जाएंगी। साठ कब्र के लिए आप टैक्सी कर सकते हैं। रेल रूट के जरिए बीजापुर बैंगलुरु, मुम्बई, होस्पेट और वास्कोडिगामा से जुड़ा हुआ है। कर्नाटक स्टेट ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट की बसें नियमित रूप से बदामी, बैंगलोर, बेलगाम, हुबली और शोलापुर से बीजापुर के लिए चलती हैं। बीजापुर सड़क मार्ग से कर्नाटक और आसपास के शहरों से जुड़ा है।