Shashi Thakur/Alive News
Faridabad: समग्र शिक्षा अभियान की ओर से जिले में कराए गए सर्वे में 381 “ड्रॉप आउट” बच्चों की पहचान हुई है। जो किन्हीं कारणों से स्कूल बीच में ही छोड़ चुके हैं या कभी स्कूल ही नहीं गए। शिक्षा विभाग नए सत्र में उम्र और उनके बौद्धिक क्षमता के हिसाब से बच्चों को संबंधित कक्षा में दाखिला दिलाएगा और ड्रॉपआउट बच्चों को अक्षरों का ज्ञान कराकर मुख्यधारा से जोड़ेगा।
गरीबी और पारिवारिक कारण से बच्चें छोड़ रहे स्कूल
इस सर्वे में बच्चों ने बीच में पढ़ाई छोड़ने या स्कूल न जाने का कारण गरीबी और पारिवारिक बताया है। कुछ अभिभावक ऐसे हैं, जिनके दो से तीन बच्चे हैं जिनमें से कुछ बच्चों के तो दाखिले ही नहीं कराए गए तो कुछ ने पांचवीं या छठी कक्षा में ही पढ़ाई छोड़ दी। आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने की बजाय उन्हें काम में लगा देते हैं।
क्या कहना है अधिकारी का
स्कूल से दूर रहने वाले बच्चों को नजदीकी सरकारी स्कूलों से जोड़ने के लिए शहरी दायरे में वार्ड स्तर पर और गांव में स्कूल स्तर पर विशेष प्रशिक्षण शिविर किये जायेंगें। ऐसे परिवारों के बच्चों को दो से तीन माह के लिए नजदीकी स्कूल से जोड़ा जाएगा। इन बच्चों को स्कूलों में अन्य बच्चों के साथ बैठाकर पढ़ाई कराई जाएगी। ऐसे बच्चों का बौद्धिक आंकलन किया जायेगा और उसके बाद ड्रॉपआउट बच्चों का स्कूल में दाखिला कराया जाएगा।
-मनोज मित्तल, खंड शिक्षा अधिकारी फरीदाबाद।