November 24, 2024

हमारी संस्कृति की वाहक देवभूमि रही है: विजय प्रताप

Faridabad/Alive News: देवभूमि की महान परंपरा उत्तरायणी कौतिक का रविवार को एनएच- 4 स्थित सामुदायिक केन्द्र में धूमधाम से आयोजन किया गया। कार्यक्रम में देवभूमि उत्तराखंड के हजारों लोगों ने शिरकत की और देवभूमि की संस्कृति एवं लोकसंगीत का भरपूर आनंद उठाया। इस मौके पर सुंदर झांकियों एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में कांग्रेसी नेता एवं बडखल विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी रहे विजय प्रताप सिंह एवं उनकी पत्नी वेणुका प्रताप सिंह मौजूद रहे। इस अवसर पर विजय प्रताप सिंह ने उपस्थित जनसमूह को सम्बोधित करते हुए कहा कि हमें प्रकृति एवं संस्कृति के साथ मेलजोल को बनाकर रखना चाहिए। अगर हम उससे छेड़छाड़ करेंगे, तो निश्चित रूप से इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि जिस प्रकार से उत्तर भारत में मकर संक्रांति उत्सव मनाया जाता है, उसी प्रकार उत्तराखंड देवभूमि में उत्तरायणी कौतिक पर्व मनाया जाता है। उन्होंने इस शानदार उत्सव के आयोजन के लिए देवभूमि उत्तराखंड के लोगों को शुभकामनाएं दी और कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों से संस्कार मज़बूत होते है, आज के कार्यक्रम में फरीदाबाद में देवभूमि की सभ्यता का अहसास हुआ है। उन्होंने कहा कि आप दुनिया के किसी भी कोने में चले जाएं, मगर अपनी संस्कृति, अपनी धरती से जुड़े रहें।

हमारे पूर्वजों ने अपनी परंपरा एवं संस्कृति को संजोए रखने का काम किया है और हमारी भी ये नैतिक ज़िम्मेदारी बनती है। इस तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रमों से अपनी संस्कृति, लोक संगीत से रूबरू होने का अवसर मिलता है। विजय प्रताप ने कहा कि फरीदाबाद में विभिन्न समाज, वर्गो एवं प्रदेशों के लोग रहते हैं और विभिन्न-विभिन्न संस्थाओं के माध्यमों से अपनी सभ्यता एवं संस्कृति का यहां पर प्रचार-प्रसार करते रहते हैं।

उन्होंने मकर संक्राति या उत्तरायणी कौतिक का महत्व बताते हुए कहा कि भीष्म पितामह ने भी सूर्य उतरायण होने पर अपनी स्वेच्छा से शरीर छोड़ा था। इस दिन सूर्यदेव दक्षिणायन की जगह उत्तरायण हो जाते हैं और भारत में नए मौसम एवंं नए दिन की शुरूआत होती है। इस दिन से भारत में दिन बड़े होने शुरू हो जाते हैं। विजय प्रताप ने कहा कि इसी प्रकार से हमें अपने उत्सव मनाने चाहिए और आपसी भाईचारे एवं संस्कृति का परिचय देना चाहिए।