हर साल 5 जनवरी को राष्ट्रीय पंछी दिवस मनाया जाता है। भारत में 1 दिन पंछी दिवस मनाया जाता है। पहली बार इसकी शुरूआत 2002 में हुई पक्षियों से प्यार जताने के लिए यह एक अनोखा दिवस के रूप में माने जाता है। पुराने समय में लोग तनाव से मुक्त होने के लिए नदी के किनारे बैठकर पंछियों को निहारते थे। जिस से उनका तनाव कम होता था। जिस से उनका तनाव कम हो जाता था। लेकिन आज के दौर में सभी लोग फ़ोन में व्यस्त रहते है उनका प्रकृति से हट चूका है। भारत का राष्ट्रीय पंछी मोर है। लेकिन पंछियो का राजा गरुड़ को कहा जाता है। पर अब इन सभी के अस्तित्व पर संकट छाया हुआ है ।
पंछी दिवस का महत्व : भारत का राष्ट्रीय पंछी मोर है। लेकिन पंछियो का राजा गरुड़ को कहा जाता है। परन्तु अब इन सभी के अस्तित्व पर संकट छाया हुआ है। धीरे-धीरे यह पंछी लुप्त होते जा रहे है। इसलिए पक्षियों के आरक्षण के लिए यह राष्ट्रीय पंछी दिवस मनाया जाता है। जो प्रजाति लुप्त हो हो गयी है। उनका आरक्षण किया जाता है। कई पंछियो की प्रजातिया लुप्त होती जा रही है, जिनमे रैप्टर्स, शुतुरमुर्ग, सफेद पीठ वाले गिद्द, जंगली उल्लू, संदेश वाहक कबूतर, केरोलिना पेरेकित आदि कुल मिलकर 109 पंछियों की प्रजातिया लुप्त हो चुकी है। पक्षियों की अन्य प्रजातियों पर खतरा जताते हुए पक्षियों का आरक्षण शुरू किया गया।
राष्ट्रीय पंछी दिवस पर सभी पाठक पंछियो के लिए दाना व पानी रखे, और साथ ही पंछियों के अवलोकन के लिए बागो व पार्को में जा कर भर्मण करे। सबसे ज्यादा पंछियों का सूंदर नज़ारा अत्यधिक हरियाली वाली जगह पर होती है।