Chandigarh/Alive News: शिक्षा विभाग के आईटी सेल की नाकामी सामने आई है। एक ही छत के नीचे स्थित ब्रांच में आपसी सामंजस्य की कमी मौजूदा शिक्षा सत्र के 9 महीने बीत जाने के बाद भी सरकारी स्कूल में पहली से आठवीं तक के करीब 17 लाख बच्चों की छात्रवृत्ति और वर्दी भत्ता जारी नहीं हो सका है। एमआईएस पोर्टल का डाटा अपडेट नहीं होने से बच्चों का करीब 260 करोड़ रुपए का वजीफा और वर्दी भत्ता लटका हुआ है।
राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के महासचिव ने मांग की है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल और शिक्षा मंत्री कुंवर पाल तत्काल इस मामले में संज्ञान लेकर संबंधित ब्रांच की जवाबदेही तय कर कार्रवाई करें। उन्होंने बताया कि प्राथमिक स्कूलों के बच्चों का करीब 83 करोड़ 87 लाख रूपये का वर्दी भत्ता लटका हुआ है तो मिडिल स्तर के बच्चों का 63 करोड़ रुपए का बकाया है।
अनुसूचित जाति की पहली से आठवीं तक पढ़ने वाले बच्चों के 101 करोड रुपए तो पिछड़ा वर्ग ए के 13 करोड़ रुपए बकाया है। एमआईएस पोर्टल पर अब भी 10000 से ज्यादा बच्चों का डाटा दर्ज नहीं हो सका है। दरअसल, इस पोर्टल पर हर छात्र का पूरा रिकॉर्ड यथा जन्मतिथि श्रेणी अभिभावक का व्यवसाय पता शैक्षणिक योग्यता आय बैंक खाता छात्र की पढ़ाई और उसके स्वास्थ्य की पूरी जानकारी दर्ज होती है। पोर्टल पर सही डेट अपडेट करने की पूरी जिम्मेदारी आईटी सेल की है।
पीएफएमएस योजना के तहत हर प्रकार की सरकारी प्रोत्साहन और भत्ते की राशि संबंधित विभाग द्वारा लाभार्थी के आधार नंबर से जुड़े बैंक खाते में डाली जाती है बच्चों के खातों में वर्दी व अन्य भक्तों की राशि नहीं डाले जाने का कारण एमआईएस पोर्टल पर पीएफएमएस के लिए आवश्यक डाटा अपडेट ना होना है।