–एलपीजी महंगी और सब्सिडी न मिलने से उज्जवला योजना तोड़ने लगी जिले में दम
Faridabad/Alive News: देश भर में पीएम मोदी ने छह साल पहले जब उज्जवला योजना की शुरुआत की तब ग्रामीण महिलाओं को बड़े बड़े सपने दिखाए थे। उस समय पीएम मोदी ने इस योजना को गरीब महिलाओं को लकड़ी-उपले के धुएं से निजात दिलाने वाली योजना बताई थी। लेकिन इसके महज छह साल बाद सिलेंडर की महंगाई की वजह से यह योजना फरीदाबाद जिले में दम तोड़ने लगी है। बढ़ते एलपीजी के दाम ने महिलाओं को एक बार फिर से धुएं वाले चूल्हे फूंकने पर मजबूर कर दिया है। गैस एजेंसी संचालक से मिली जानकारी के अनुसार एलपीजी के दाम बढ़ने और सब्सिडी बंद होने से जिले में उज्ज्वला योजना में 100 में से केवल 40 फीसदी लोग ही सिलिंडर भरवा पा रहे हैं।
दरअसल, रसोई गैस एलपीजी सिलेंडर के दाम में हो रही लगातार बढ़ोतरी से गरीब तबका उज्जवला योजना का लाभ नहीं उठा पा रहा हैं। पिछले छह महीनों में लगभग पांच से छह बार रसोई गैस के दामों में लगभग तीन सौ रुपए की बढ़ोतरी हुई है। जिसके बाद ग्रामीण महिलाओं ने लकड़ी और उपले पर खाना बनाना शुरू कर दिया है।
महिला चूल्हे पर लौटने को मजबूर
घरेलू एलपीजी गैस महंगी होने से उज्ज्वला योजना के लाभार्थी फिर से लकड़ी व उपले से चूल्हा फूंकने पर मजबूर हो गए हैं। वर्तमान में जिले में गैस सिलेंडर के दाम लगभग एक हजार रुपए के पर पहुंच गए हैं। रसोई गैस की जगह गरीब तबके को फिर चूल्हे पर खाना बनाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। क्योंकि बढ़ती महंगाई के चलते गरीब तबके को सिलेंडर रिफिलिंग के लिए एक हजार रुपए खर्च करना भी मुश्किल हो रहा है।
घर-घर बन रहा चूल्हे पर खाना
जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिदिन गैस सिलेंडर की बढ़ती कीमतों के आगे गरीब परिवारों की महिला उज्ज्वला योजना में मिले गैस सिलेंडर की रिफिलिंग करानी बंद कर दी हैं और फिर से लकड़ी-उपले से खाना बनाना शुरू कर दिया है।
क्या कहना है महिलाओं का
चंदावली में रहने वाली ममता ने बताया कि जब उज्ज्वला योजना शुरू हुई तो लगा कि अब उन्हें धुएं से छुटकारा मिल जाएगा। लेकिन सरकार के वायदे तो 4 दिन की चांदनी और फिर अंधेरी रात तरह निकले।
झाड़सैतली गांव में रहने वाली महिला रेखा ने बताया कि सरकार ने सिलेंडर पर छह माह में करीब 300 रुपए बढ़ा दिए है। ऊपर से सिलेंडर पर मिलने वाली सब्सिडी भी बंद कर दी है। वहीं चूल्हे पर लकड़ी से खाना बनाना बिल्कुल मुफ्त है। ग्राम की सावित्री बाई, रेहाना बी, सविता बाई सहित अन्य महिलाओं का कहना है कि उन्होंने सिलेंडर को घर के एक कोने में रख दिया है। ऐसे में सिलेंडर भरवाना हमारे बस से बाहर है। चूल्हे में लकड़ी जलाकर भोजन बना रही हैं।
क्या कहना है उपायुक्त का
मेरे पास अब तक इस मामले की कोई जानकारी नहीं है। मैं संबंधित विभाग से इस मामले की पूरी जानकारी लेकर ही लोगों को कुछ बता पाऊंगा। फिलहाल, सरकार द्वारा उज्जवला योजना को लेकर जिले में कोई नई स्कीम लागू नहीं की जा रही है।
–विक्रम सिंह, उपायुक्त फरीदाबाद।