Poonam Chauhan/Alive News
Faridabad : जहां पूरी दुनिया ईंधन के महंगे होने के कारण दिक्कतों का सामना कर रही है वहीं महंगे होते खाद्य तेल ने भारत की चिंताओं को दोगुना कर दिया है। दरअसल भारत को जल्द ही खाद्य तेल की किल्लत का सामना करना पड़ सकता है। वजह है इंडोनेशिया का पाम ऑयल के निर्यात पर बैन लगाने का फैसला। भारत खाद्य तेल की जरूरत का ज्यादातर हिस्सा आयात करता है जबकि बेहद कम हिस्से का ही देश में उत्पादन होता है। दुनिया भर में खाने के तेल का गंभीर संकट हो गया है।
इसका सीधा मतलब ये है कि अगले कुछ दिनों में आपके घर में आने वाले खाद्य तेल की किल्लत हो सकती है और अब वो पहले से ज्यादा महंगा भी हो सकता है। यानी इसका सीधा असर आपके रसोई के बजट पर पड़ेगा। महंगे खाद्य तेलों ने न केवल गरीब तबके बल्कि मध्यम वर्ग के परिवारों के रसोई का बजट भी बिगाड़ दिया है। देश में खाद्य तेलों के लिए प्रमुख रूप से पाम, सरसों और मूंगफली तेल का उपयोग किया जाता है। यदि हम पिछले एक वर्ष में खाद्य तेलों की खुदरा कीमतों को देखें तो पाते हैं कि पिछले एक वर्ष में सभी तेलों की कीमतों में औसतन करीब साठ फीसद से अधिक की वृद्धि हुई है।
खाद्य तेल की कीमतें बढ़नी तय
मांग की तुलना में आपूर्ति बेहद कम है इसका सीधा मतलब ये है कि खाद्य तेल की कीमतें बढ़नी तय है। विशेषज्ञ भी मानते हैं कि कीमतें कम से कम 20 प्रतिशत तक बढ़ सकती हैं और इसका सीधा असर भारत और दूसरे विकासशील देशों के आम लोगों पर पड़ेगा। भारत की एक बड़ी आबादी सस्ते खाद्य तेल पर निर्भर है और उनके लिए पाम ऑयल ही सबसे सस्ता खाद्य तेल है। ये सूरजमुखी, जैतून, सोयाबीन और कैनोला ऑयल के मुकाबले सस्ता पड़ता है। ऐसे में पाम ऑयल की सप्लाई प्रभावित होने पर उसके दाम बढ़ेंगे, उसकी किल्लत भी हो सकती है और इसका सीधा असर आम लोगों पर पड़ेगा।
कैसे खड़ा हुआ खाद्य तेल का संकट?
दुनिया के सबसे बड़े पाम ऑयल उत्पादक देश ने एक्सपोर्ट पर रोक लगा दी है। सूरजमुखी तेल का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर देश यूक्रेन युद्ध लड़ रहा है। सोयाबीन तेल के उत्पादक देश जलवायु परिवर्तन के गंभीर सकंट से लड़ रहे हैं। ऐसे में सोचिए आपको खाद्य तेल कहां से मिलेगा? आपके घर की रसोई में खाना कैसे पकेगा?
रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से बढ़ा संकट
यूक्रेन सूरजमुखी के तेल का विश्व में सबसे बड़ा एक्सपोर्टर है और हर साल यूक्रेन से सारी दुनिया को 54 लाख टन सूरजमुखी के तेल का निर्यात किया जाता है। ये दुनिया में सूरजमुखी के कुल उत्पादन का करीब आधा है, लेकिन यूक्रेन में इस समय युद्ध छिड़ा हुआ है और इसी वजह से सूरजमुखी के तेल के निर्यात में उसने बड़ी कटौती की है। दुनिया के 25 फीसदी सूरजमुखी तेल का उत्पादन रूस में होता है और वह यूक्रेन से युद्ध लड़ रहा है। इसकी वजह से भी दुनिया को होने वाले सूरजमुखी के तेल की सप्लाई पर बुरा असर पड़ा है।
सूखे और कोरोना ने बढ़ाई मुसीबत
अर्जेंटीना, ब्राजील और पराग्वे, ये तीनों देश सोयाबीन तेल के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक हैं, लेकिन ये तीनों ही देश भीषण सूखे की आपदा झेल रहे हैं और इसीलिए यहां भी सोयाबीन तेल का उत्पादन बेहद कम हुआ है।
तेल के दाम बढ़ाने में किस देश का बड़ा हाथ
पाम ऑयल के संकट को और ज्यादा बड़ा करने में इंडोनेशिया का भी बड़ा हाथ है. इंडोनेशिया पाम ऑयल का सबसे बड़ा निर्यातक देश है और दुनिया को पाम ऑयल की जरूरत का करीब एक तिहाई हिस्सा यानी करीब 30 मिलियन टन इंडोनेशिया से ही मिलता है, लेकिन 28 अप्रैल से इंडोनेशिया ने भी पाम ऑयल के निर्यात पर रोक लगा दी है।
भारत खाद्य तेल आयात करने वाला सबसे बड़ा देश
भारत को पाम ऑयल की कुल जरूरत का करीब 50 फीसदी हिस्सा इंडोनेशिया से ही आता है, लेकिन इंडोनेशिया ने निर्यात पर रोक लगा दी। दुनिया से खाद्य तेल आयात करने वाला सबसे बड़ा देश भारत है और हर साल दूसरे देशों से करीब 13 मिलियन टन खाद्य तेल भारत आता है। इसमें 60 फीसदी पाम ऑयल है, 25 फीसदी सोयाबीन तेल और 12 फीसदी हिस्सा सूरजमुखी तेल का है।
क्या कहना है मार्केट के विश्लेषक़ो का
सूरजमुखी, सरसों और रिफाइंड ऑयल के दाम पर यूक्रेन-रूस युद्ध का पूरा असर दिखाई दे रहा है। आयात प्रभावित होने के कारण दाम में इजाफा जारी रहेगा।
–राकेश, विश्लेषक।
महंगाई लगातार बढ़ती जा रही है। कभी सब्जी, कभी राशन तो कभी तेल महंगा हो जाता है। महंगाई का सबसे ज्यादा असर आम आदमी की रसोई पर ही पड़ता है। त्योहार पर महंगाई और अधिक बढ़ेगी.
–राधिका, विश्लेषक।
क्या कहना है होल सेल दुकानदार का
खाद्य तेल की 65 प्रतिशत खपत के लिए भारत विदेशों पर निर्भर हैं। सबसे अधिक यूक्रेन से करीब 75 प्रतिशत सूरजमुखी ऑयल आयात किया जाता है। इस कारण से खाद्य तेलों के दाम में इजाफा हो रहा है।
-मुकेश कुमार, व्यापारी।
15 से 20 रुपये प्रति लीटर तक सूरजमुखी, सरसों व रिफाइंड ऑयल महंगा हो गया है। कंपनियों से महंगा मिलने के कारण ही खुले बाजार में मंहगा बेचा जा रहा है।
-चिंतामणी, होल सेल विक्रेता।