New Delhi/Alive News: नए शैक्षणिक सत्र से सभी प्रारंभिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों के बीच स्वच्छता संबंधी प्रतिस्पर्धा होगी। इसके आधार पर पंचायत, प्रखंड, जिला और राज्य स्तर पर स्वच्छता पुरस्कार चयनित विद्यालयों को दिए जाएंगे। प्रत्येक विद्यालय की स्वच्छता रैंकिंग होगी। इसमें विद्यालय प्रबंध समितियों की भूमिका तय होगी। शिक्षा विभाग से मिली
जानकारी के मुताबिक स्वच्छता रैंकिंग में पेयजल एवं शौचालय, मिड डे मील और उसकी रसोई, परिसर की हरियाली, जल संरक्षण के उपाय, स्वच्छता के लिए प्रशासनिक उत्तरदायित्व आदि स्वच्छता के विभिन्न मानक तय किए गए हैं। इसके अलावा परिसर से बाहर गांवों/आस-पास के क्षेत्रों में भी स्वच्छता से संबंधित गतिविधियां शामिल हैं। विद्यालय प्रबंध समितियों को विद्यालयों में स्वच्छता पर ध्यान केंद्रित करना होगा।
समितियों को स्वच्छता के लिए प्रशासनिक उत्तरदायित्व का निर्वहन भी करना होगा। स्वच्छ विद्यालय की बेहतर रैंकिंग नैक मूल्यांकन में बेहतर ग्रेडिंग दिलाने में भी मददगार साबित होगा। सभी विद्यालयों में स्वच्छता का ध्यान में रखते हुए शिक्षा विभाग द्वारा शौचालय एवं जल प्रबंधन नीति भी तैयार की गई है। इस नीति के तहत शौचालय व पेयजल समेत साफ-सफाई का जिम्मा प्रधानाध्यापक, विद्यालय प्रबंधन समिति और विद्यालय विकास समिति के जिम्मे होगा। नीति को प्रभावी ढंग से लागू कराने की जिम्मेदारी भी विद्यालय प्रबंध समितियों की होगी।