Chandigarh/Alive News: हरियाणा विधानसभा के बजट सत्र में बाकी अवधि के लिए निलंबित पूर्व स्पीकर डा. रघुवीर कादियान के समर्थन में कांग्रेस विधायक एकजुट हो गए हैं। विपक्ष के नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सात मार्च को चंडीगढ़ में कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई है। इस दिन दोपहर दो बजे से बजट सत्र की कार्यवाही शुरू होगी और आठ मार्च को मुख्यमंत्री मनोहर लाल बजट पेश करेंगे। मतांतरण पर रोक लगाने संबंधी विधेयक की प्रतियां फाड़ने पर कांग्रेस विधायक एवं पूर्व स्पीकर डा. कादियान को स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने सत्र की बाकी अवधि के लिए निलंबित कर दिया गया था।
विधानसभा में विधेयक की प्रतियां फाड़ने और रघुवीर कादियान के निलंबन की कार्यवाही के दौरान विपक्ष के नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस विधायक दल की पूर्व नेता किरण चौधरी सदन में नहीं थे। कादियान के निलंबन के विरोध में कांग्रेस के बाकी विधायक उप नेता आफताब अहमद के नेतृत्व में सदन से दो बार वाकआउट कर गए थे। कांग्रेस विधायक कादियान का निलंबन वापस लेने की जिद पर अड़े थे, जबकि स्पीकर का कहना था कि जब तक कादियान माफी नहीं मांगते, तब तक उनका निलंबन वापस नहीं लिया जा सकता।
सात मार्च को हुड्डा के चंडीगढ़ आवास पर सुबह दस बजे से होने वाली कांग्रेस विधायक दल की बैठक में आठ मार्च को पेश होने वाले बजट को लेकर रणनीति तैयार की जाएगी। सूत्रों के अनुसार बैठक में तय हो होगा कि यदि सात मार्च को स्पीकर ने डा. कादियान का निलंबन वापस नहीं लिया तो कांग्रेस विधायक आठ मार्च को पेश होने वाले बजट का बायकाट कर सकते हैं। यदि ऐसा हुआ तो यह पहला मौका होगा, जब विपक्ष की गैर मौजूदगी में सरकार बजट पेश करेगी।
इस दौरान संसदीय कार्य मंत्री के नेता कंवरपाल गुर्जर व स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता का प्रयास रहेगा कि सात मार्च को सरकार और कांग्रेस विधायकों का टकराव खत्म करा दिया जाए। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने भी डा. रघुवीर कादियान द्वारा विधेयक फाड़ने के आचरण की निंदा करते हुए कहा कि बाकी विधायकों का बायकाट करने का मतलब है कि उनका सदन की मर्यादा बनाए रखने में कोई यकीन नहीं है।
कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि रेल किराये में वरिष्ठ नागरिकों, किसानों, वार वीडो समेत 30 अन्य श्रेणियों में मिलने वाली छूट को बहाल किया जाना चाहिए। इस छूट को कोविड के नाम पर महीनों से रोक कर रखा गया है। उन्होंने केंद्रीय रेलमंत्री अश्विनी वैष्णव से अनुरोध किया कि समाज के जरूरतमंद तबके को राहत देने वाली वाली यह छूट तत्काल प्रभाव से बहाल की जाए।
दीपेंद्र के अनुसार किसान और औद्योगिक श्रमिक को कृषि/औद्योगिक प्रदर्शनियों में जाने के लिए द्वितीय श्रेणी और शयनयान श्रेणी में 25 प्रतिशत, सरकार द्वारा प्रायोजित विशेष गाड़ियों में यात्रा करने वाले किसानों को द्वितीय श्रेणी और शयनयान श्रेणी में 33 प्रतिशत, बेहतर फार्मिंग/डेयरी अध्ययन/प्रशिक्षण के लिए राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों का दौरा करने के लिए किसान एवं दूध उत्पादकों को द्वितीय श्रेणी और शयनयान श्रेणी में 50 प्रतिशत की छूट मिलती है।