New Delhi/Alive News: कक्षा में प्रश्न का जवाब न देने पर छात्रा और उसकी सहेली को थप्पड़ मारना एक शिक्षिका को भारी पड़ गया। छात्रा की शिकायत पर थप्पड़ मारने वाली शिक्षिका को एक दिन के लिए कोर्ट का समय खत्म होने तक कैद की सजा दी गई। साथ में उसे पीड़िता को 30 हजार रुपये और राज्य को साढ़े आठ हजार रुपये मुआवजे का भुगतान करना पड़ा।
दरअसल, मंडावली इलाके के निजी स्कूल में छठी कक्षा की एक छात्रा ने आरोप लगाया था कि आठ सितंबर 2014 को सामाजिक विज्ञान की कक्षा में प्रश्न का जवाब न देने पर शिक्षिका शकुंतला नेगी उनके गाल पर कई थप्पड़ मारे थे। उनकी सहेली को भी पीटा था।
इस संबंध में छात्रा ने मंडावली थाने में जानबूझ कर पिटाई करने और किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम की धारा 23 के तहत शिक्षिका के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। कोर्ट में शिक्षिका ने पक्ष रखा था कि उसे झूठे मुकदमे में फंसाया गया है। स्कूल प्रशासन उसे गैर कानूनी तरह से हटाना चाहता था।
वहीं पीड़िता व उसकी सहेली ने कोर्ट को बताया था शिक्षिका ने उनको पीटा था। इस संबंध में स्कूल को शिकायत करने पर शिक्षिका ने माफी मांगी थी। साक्ष्य के तौर पर माफीनामा कोर्ट में प्रस्तुत भी किया गया था। इन साक्ष्यों के आधार पर महानगर दंडाधिकारी के कोर्ट ने शिक्षिका को जानबूझ कर छात्राओं की पिटाई करने और किशोर न्याय अधिनियम की धारा 23 के तहत दाेषी करार दिया था।
सजा पर सुनवाई के दौरान दोषी के वकील ने कहा कि शकुुंतला नेगी उम्रदराज है। उससे इस तरह का अपराध हुआ है। बहुत छोटे अपराध के लिए उसे दोषी ठहराया गया है। लिहाजा उसकी सजा तय करते वक्त नरमी बरती जाए। जबकि अभियोजन पक्ष ने अधिकतम सजा तय करने की मांग की।
दोनों पक्षों को सुनने के बाद महानगर दंडाधिकारी ने कोर्ट का समय खत्म होने तक एक दिन की कैद की सजा करते हुए कहा तथ्यों और परिस्थितियों को देखते हुए यह उम्मीद की जाती है कि दोषी समाज हित के लिए खुद को सुधारेगी। शिक्षिका शकुंतला नेगी को 23 जनवरी 2021 को कोर्ट ने शिक्षिका को दोषी करार दिया गया था। उसके बाद सुनवाई के लिए 21 तारीखें लगीं, तब सजा तय की गई। इसमें करीब 10 माह 17 दिन लग गए।