New Delhi/Alive News: चीफ आफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत के हेलीकॉप्टर क्रैश के मामले में बड़ी खबर सामने आ रही है। बताया जा रहा है कि दुर्घटना से पहले वीडियो बनाने वाले व्यक्ति का मोबाइल फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। पुलिस ने रविवार को इस बात का खुलासा किया।
दरअसल, कोयंबटूर के वेडिंग फोटोग्राफर अपने दोस्त और परिवार के के साथ आठ दिसंबर को निलगिरिस जिले के कट्टेरी इलाके में गए थे। इस दौरान उन्होंने अपने मोबाइल से एक वीडियो रिकॉर्ड किया था, जो कुछ ही देर बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। दावा किया जा रहा है कि यह हेलीकॉप्टर जनरल रावत का था। घने कोहरे में गायब होते हेलीकॉप्टर का वीडियो तब से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
पुलिस के मुताबिक, मामले की जांच के लिए मोबाइल फोन कोयंबटूर स्थित फोरेंसिक लैब भेजा गया है। इस बात की भी जांच की जा रही है कि फोटोग्राफर और कुछ अन्य लोग उस घने वन क्षेत्र में क्यों गए थे? बताया जा रहा है कि वन्य जीवों की गतिविधियों की वजह से वह एक प्रतिबंधित इलाका है।
पुलिस ने चेन्नई स्थित मौसम विभाग से दुर्घटना वाले दिन के इलाके में मौसम और तापमान से जुड़ी जानकारी भी मांगी है। साथ ही पुलिस हेलीकॉप्टर दुर्घटना के सबूत तलाशने के लिए प्रत्यक्षदर्शियों से पूछताछ भी कर रही है। गौरतलब है कि आठ दिसंबर क्रैश हुए एमआई-17 चॉपर में सीडीएस जनरल रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत, ब्रिगेडियर एलएस लिड्डर, लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह की जान चली गई।
इनके अलावा विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान, स्क्वॉड्रन लीडर कुलदीप सिंह (को-पायलट), जूनियर वॉरंट ऑफिसर राणा प्रताप दास, जेडब्ल्यू अरक्कल प्रदीप, लांस नायक विवेक कुमार, लांस नायक बीएस तेजा, हवलदार सतपाल राय, नायक गुरसेवक सिंह और नायक जितेंद्र कुमार की जान चली गई थी। हादसे में सिर्फ ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की जान बचच पाई, जिनका बेंगलुरु के सैन्य अस्पताल में इलाज चल रहा है।