November 17, 2024

आज है महर्षि वाल्मिकी जयंती, जाने महत्व और महर्षि वाल्मिकी जुड़ी कुछ प्रचिलित कथाएं

प्रत्येक वर्ष की अश्विन मास में पूर्णिमा तिथि को महर्षि वाल्मिकी की जयंती मनाई जाती है। इस बार महर्षि वाल्मिकी जयंती 20 अक्टूबर यानी आज है। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार महर्षि वाल्मिकी के द्वारा ही हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण महाकाव्य की रचना की गई थी। वाल्मिकी द्वारा संस्कृत भाषा में लिखी गई रामायण को सबसे प्राचीन माना जाता है। संस्कृत भाषा के प्रथम महाकाव्य की रचना करने के कारण इन्हें आदिकवि भी कहा जाता है। महर्षि वाल्मीकि द्वारा लिखी गई रामायण का कई भाषाओं में अनुवाद किया जा चुका है और यह पूरे विश्व में विख्यात है।

महर्षि वाल्मीकि के जन्म के विषय में कोई पुख्ता प्रमाण तो नहीं मिलता। परंतु कथाओं के अनुसार इनका जन्म महर्षि कश्यप और अदिति के नौवें पुत्र वरुण और उनकी पत्नी चर्षणी के यहां माना जाता है, लेकिन महर्षि वाल्मीकि के जीवन को लेकर एक और लोककथा भी प्रचलित है। जिसके अनुसार इन्हें कोई भील चुरा ले गया था, जिसके बाद इनका पालन-पोषण भील समाज में हुआ था।इनका नाम रत्नाकर था, अपने परिवार के भरण-पोषण के लिए लोगों को लूटा करता था। एक समय इन्होंने नारद मुनि को बंधक बना लिया था। जिसके बाद नारद मुनि के वचन सुनकर इनका हृदय परिवर्तन हो गया और इन्होंने अनैतिक कार्यों का त्याग करके प्रभु का मार्ग चुन लिया। कहा जाता है कि प्रथम श्लोक की रचना भी इन्हीं के द्वारा की गई थी।