Chandigarh/Alive News : हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा है कि ग्राम पंचायत से लेकर ब्लॉक समिति व जिला परिषद जैसी पंचायतीराज संस्थाओं को और अधिक अधिकार देकर सक्षम व मजबूत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ऐसा प्रावधान करने जा रही है जिससे ग्रामीण अपने गांव में अपनी पसंद के विकास कार्य करवा सकेंगे।
डिप्टी सीएम ने कहा कि जिनके पास विकास एवं पंचायत विभाग का प्रभार भी है, ने यह बात मंगलवार को अपने सरकारी आवास पर कुछ पंचायतों की समस्याओं को सुनने के दौरान कही। उन्होंने ग्रामीणों की समस्याओं का मौके पर ही समाधान करते हुए कहा कि ग्रामीण अब ‘ग्राम दर्शन पोर्टल’ के माध्यम से राज्य सरकार को विकास कार्यों सम्बन्धी मांग, शिकायत और सुझाव सीधे ऑनलाइन दे सकेंगे। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों की विकास कार्यों में सीधी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए ही इस पोर्टल को तैयार किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि गांव के लोगों द्वारा दिए गए सुझावों के आधार पर भविष्य की विकास योजनाओं का खाका तैयार किया जाएगा।
दुष्यंत चौटाला ने बताया कि राज्य सरकार की प्राथमिकता लोगों की शिकायतों का निवारण करना है। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों द्वारा ग्राम दर्शन पोर्टल पर की जाने वाली शिकायतों को सीएम विंडो के साथ लिंक किया जाएगा और उनके द्वारा दिया गया सुझाव और मांग सीधे सरपंच, पंचायत समिति सदस्य, जिला परिषद सदस्य, विधायक और सांसद को दिखाई देंगे। उपमुख्यमंत्री ने बताया कि पोर्टल पर सुझाव, शिकायत दर्ज कराने के साथ ही एक आईडी जेनरेट होगी जो सम्बन्धित आवेदक को एसएमएस के माध्यम से मिलेगी। इसके साथ ही आवेदक को समय-समय पर उनके द्वारा भेजे गए सुझाव, शिकायत पर हुई कार्रवाई की अपडेट सूचना एसएमएस के मध्यम से मिलती रहेगी।
डिप्टी सीएम ने यह भी बताया कि किसानों की सुविधा के लिए प्रदेश में एक-एक एकड़ भूमि की मैपिंग करवाई जाएगी ताकि राज्य की शत-प्रतिशत भूमि के पंजीकरण लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके। इससे भविष्य में किसानों के लिए बनाए जाने वाली नीतियों, स्कीमों में फायदा मिलेगा। उन्होंने बताया कि ‘मेरा पानी मेरी विरासत’ योजना में इस वर्ष दो लाख एकड़ भूमि पर फसल विविधिकरण का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने बताया कि किसान कृषि के लिए नई-नई तकनीकें अपना कर व फसलों का विविधिकरण कर पानी की बचत करके कम लागत में अधिक मुनाफा कमा सकते हैं।
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि पानी बचाने के लिए ड्रिप सिंचाई, माइक्रो सिंचाई को बढ़ावा दिया जा रहा है ताकि पानी की बचत की जा सके, इसके अलावा किसानों को सब्जियों, फलों की खेती करने तथा मत्स्य-पालन व दूध उत्पादन की तरफ आकर्षित किया जा रहा है। जिससे किसानों को कम लागत में अधिक लाभ हो।