Faridabad/Alive News : राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय एन एच तीन फरीदाबाद के सैंट जॉन एम्बुलेंस ब्रिगेड, गाइडस और जूनियर रेडक्रॉस ने प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा के निर्देशानुसार अगस्त क्रांति की भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ मनाई। प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने बताया कि 8 अगस्त 1942 को मुम्बई में हुई बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया गया जिस में यह घोषित किया गया था कि अब भारत में ब्रिटिश शासन की तत्काल समाप्ति, भारत में स्वतंत्रता तथा लोकतंत्र की स्थापना के लिए अत्यंत जरुरी हो गयी है।
यह प्रस्ताव भारत से ब्रिटिश शासन की समाप्ति के लिए लाया गया था। मनचन्दा ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम विश्वविख्यात काकोरी काण्ड के ठीक सत्रह वर्ष पश्चात गांधीजी के आह्वान पर समूचे देश में एक साथ आरम्भ हुआ। यह भारत को तुरन्त आजाद करने के लिये अंग्रेजी शासन के विरुद्ध एक सविनय अवज्ञा आन्दोलन था।
प्राचार्य ने कहा कि प्रस्ताव के पारित होने के बाद गाँधी ने कहा था कि एक छोटा सा मंत्र है जो मै आपको देता है। इसे आप अपने ह्रदय में अंकित कर लें और अपनी हर सांस में उसे अभिव्यक्त करें। यह मंत्र है- करो या मरो। अपने इस प्रयास में हम या तो स्वतंत्रता प्राप्त करेंगें या फिर जान दे देंगे। भारत छोड़ो आन्दोलन के दौरान भारत छोड़ो और करो या मरो भारतीय लोगों का नारा बन गया।
मनचन्दा ने बताया कि जय प्रकाश नारायण, अरुणा आसफ अली, एस एम जोशी, राम मनोहर लोहिया और कई अन्य नेताओं ने इस आंदोलन के दौरान क्रांतिकारी गतिविधियों का आयोजन किया। आज प्राध्यापिका जसनीत कौर और छात्राओं ने वीर क्रांतिकारियों के बलिदान को नमन किया तथा प्राचार्य रविन्द्र कुमार मनचन्दा ने कहा कि समस्त देशवासी तथा भारत देश हमेशा अपने क्रांतिकारी वीरों और सेनानियों के प्रति हमेशा नतमस्तक रहेगा। भारत माता के सभी सेनानियों का हर भारतवासी कृतज्ञ रहेगा।