Palwal/Alive News : विधायक पलवल दीपक मंगला ने कहा कि शहर में ड्रेन, सीवर व नालों की साफ-सफाई, डोर-टू-डोर कूड़े का उठान, सडक़ों की मरम्मत तथा निर्बाध रूप से पेयजल एवं बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने संबंधी कार्य जल्द से जल्द पूरे किए जाएं। इस समय शहर में पानी निकासी व्यवस्था पर अधिक ध्यान दिया जाए, ताकि लोगों को कोई परेशानी न हो।
विधायक दीपक मंगला वीरवार को लघु सचिवालय स्थित सभागार में उपायुक्त नरेश नरवाल, एसडीएम पलवल वैशाली सिंह के साथ शहर की विभिन्न समस्याओं के समाधान के उद्देश्य से जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे। उन्होंने जनस्वास्थ्य, नगर परिषद व पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि शहर में कई जगहों पर नाले खुले हैं, उन्हें स्लैब डालकर कवर किया जाए। ईदगाह के पास, बाल भवन के सामने, प्रेम विहार, आईटीआई के पास, फाटक पार एरिया में, माल गोदाम रोड, पुराना जी.टी. रोड आदि जगहों पर पानी निकासी के लिए स्थाई समाधान किया जाए। अगर किसी स्थान पर अतिक्रमण है तो उसे भी तुरंत हटवाया जाए।
इसके अलावा कई कॉलोनियों में पानी जमा होने की समस्या है, जिसका स्थाई समाधान निकाला जाए। शहर में जहां कहीं पर भी नालों की मरम्मत की आवश्यकता है, इस कार्य को भी जल्द पूरा किया जाए। किठवाड़ी व पलवल ड्रेन की एक बार पुन: सफाई करवाई जाए। अगर इन ड्रेन के उपर कोई अवैध निर्माण है तो उसे हटवाया जाए। इन ड्रेन का हैड-टू-टेल सर्वे करवाया जाए। इन ड्रेन पर स्थित जिस पुलिया से पानी निकासी की समस्या है तो उन्हें भी तुरंत ठीक करवाया जाए। उन्होंने कहा कि सभी सीवरेज की सफाई अच्छी प्रकार से होनी चाहिए तथा इसमें जमा सील्ट को बाहर निकाला जाए। कई जगहों पर सडक़ों की मरम्मत करने की आवश्यकता है, उसे भी जल्द ठीक करवाया जाए।
उन्होंने कहा कि नगर परिषद द्वारा सफाई व्यवस्था पर अधिक ध्यान दिया जाए तथा डोर-टू-डोर कूड़ा कलैक्शन किया जाए और शहर में कहीं पर भी कूड़े के ढेर नहीं रहने चाहिए। सभी प्वाइंटों पर नियमित रूप से कूड़े का उठान होना चाहिए। कूड़ा उठाने के लिए जो वाहन नियमित रूप से चल रहे हैं, उन्हें जीपीएस सिस्टम से निरंतर मॉनीटर किया जाए। इसके लिए नगर परिषद कार्यालय पलवल में एक नियंत्रण कक्ष स्थापित कर इन वाहनों की मॉनीटरिंग की जाए।
उन्होंने कहा कि अमु्रत योजना के तहत करीब 70 प्रतिशत कार्य पूरे हो चुके है, इसलिए जहां संभव हो वहां पेयजल व सीवरेज की कनैक्सन जोड़ दिए जाएं, ताकि लोगों को पूरी मात्रा में पानी मिलना संभव हो तथा सीवरेज व्यवस्था भी और सुदृढ़ हो। उन्होंने कहा कि शहर में स्थित सभी स्ट्रीट लाइटें जलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जनस्वास्थ्य विभाग की ओर से करीब 90 ट्यूबवैल के माध्यम से प्रतिदिन पेयजल की सप्लाई हो रही है। जरूरत अनुसार इन ट्यूबवैलों की संख्या बढ़ाई जाए तथा जिन ट्यूबवैल का पानी खराब हो चुका है उन्हें दूसरी जगह पर शिफ्ट किया जाए।
उपायुक्त नरेश नरवाल ने कहा कि नगर परिषद शहर में बंदरों को पकडऩे के लिए योजना तैयार करे। उन्होंने बताया कि लोगोंकी बिजली आपूर्ति संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए शिकायत कक्ष स्थापित किया गया है, जिस पर निरंतर लोगों की शिकायत सुन उनका समाधान करवाया जाता है। उन्होंने सिंचाई विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि हथनीकुंड बैराज से यमुना में अधिक पानी छोड़ा गया है। इसलिए यमुना से सटे इलाकों पर कड़ी नजर रखी जाए।
उपायुक्त ने नगर परिषद के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे एसडीओ व जेई स्तर के अधिकारियों की शहर में एरिया वाइज ड्यूटी निर्धारित कर दें, जिसमें वे साफ-सफाई, कूड़ा उठान, पानी निकासी व अन्य व्यवस्थाओं पर नजर रखेंगे। इस अवसर पर जनस्वास्थ्य विभाग के एस.ई. जगदीश जांगड़ा, कार्यकारी अभियंता आर.सी. गौड़, सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता एस.पी. गर्ग, जिला निगरानी समिति के चेयरमैन मुकेश सिंगला सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।