Faridabad/Alive News : विश्व प्रकृति संरक्षण दिवस हर साल 28 जुलाई को मनाया जाता है। वर्तमान परिपेक्ष्य में विभिन्न प्रजाति के जीव जंतु, प्राकृतिक स्रोत और वनस्पति विलुप्त हो रहे हैं। जिनके परिणाम स्वरुप हमें और हमारी प्राकृतिक को काफी नुकसान पहोच रहा है जोकि हमारी आने वाली पीढ़ी के लिए काफी नुकसान दायक है।
इस अवसर पर जज्बा फाउंडेशन के चेयरमैन हिमांशु भट्ट ने प्रकृति चिकित्सक व कार्यक्रम की मुख्य वक्त डॉ करुणा पाल गुप्ता जी व सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया। और जानकारी देते हुए बताया कि हम भी प्रकृति संरक्षण की दिशा में बहुत कुछ कर सकते है। जैसे की जल संरक्षण करें। पानी का दुरुपयोग करना बंद करें। नहाने के लिए, सफाई के लिए, गाड़ियां धोने के लिए बहुत ज्यादा पानी का इस्तेमाल न करें। ऊर्जा संरक्षण के लिए बिजली की बचत करें। काम होते ही बिजली के उपकरण बंद कर दें। पेड़-पौधे हमारे लिए कितने जरूरी हैं, यह तो आप जानते ही हैं। इसलिए घरों और सार्वजनिक जगहों पर पेड़ जरूर लगाएं। कार्यक्रम में देशभर से लगभग 150+ युवाओं ने भाग लिया.
कार्यक्रम की मुख्य वक्ता डॉ करुणा पाल गुप्ता जी अपने उद्बोधन में जानकारी देते हुए बताया कि आज हमारे देश व प्रदेश में लगतार देशी पेड़ो (नीम, बढ़, पीपल, अशोक) को भारत भूमि से विकास कार्यो के नाम पर कटा तो जा रहा है, परन्तु लगाया नहीं जा रहा है जिसकी वजह से हमारे देश को पिछले कुछ सालों में पारिस्थितिक नुकसान हो रहा है। उन्होंने बताया कि हम सदियों से जानते आये है हमारे देशी पेडों (Native Trees) ने हमेशा से हर बार की तरह हमे स्वच्छ वातावरण, चिकित्सक सहायता में योगदान दिया है, उसके बावजूद हम इन्हें खो रहे है। डॉ करुणा ने बताया कि हम सभी देशवासियों को हमारे देशी पेड़ो के रोपण पर जोर देना होगा और अधिक से अधिक मात्रा में इन पेड़ो को लगाना होगा ताकि हम असल मायनों में अपनी प्रस्ट भूमि के संरक्षण में सहयोग करे व अपना योगदान दे।
कार्यक्रम के अंत में ज्योति यादव एवं दीपक द्वारा धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तृत किया गया। इस कार्यक्रम का संपूर्ण प्रशारण जज्बा फाउंडेशन के यूटयूब चैनल पर भी उपलव्ध है| कार्यकर्म के सफल आयोजन में सोमेश गुलाटी, ज्योति यादव, दीपक, हिमांशु भट्ट, आदित्य झा अदि का महत्वपूर्ण योगदान रहा।