Faridabad/Alive News : सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत जानकारी न देने पर फरीदाबाद नगर निगम पर राज्य सूचना आयोग ने 20 हज़ार का जुर्माना लगाया। यह जानकारी बार एसोशिएशन के पूर्व प्रधान एवं न्यायिक सुधार संघर्ष समिति के अध्यक्ष एडवोकेट एलएन पाराशर ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए दी।
उनहोंने बताया की 16 अगस्त 2018 को भूमि की चकबंदी के संबंध मे नगर निगम से जानकारी मांगी थी। लेकिन नगर निगम उन्हें जानकारी देने की बजाए लगातार टरकाता रहा। जिससे परेशान होकर उन्होंने इसकी अपील राज्य सूचना आयोग से की। जिस पर राज्य लोक सूचना अधिकारी ने कार्रवाई करते हुए नगर निगम पर 20 हजार का जुर्माना लगाया। पाराशर ने बताया कि सरकारी विभाग में पारदर्शिता लाने के लिए सन् 2005 में सूचना का अधिकार आम जनता को दिया गया था। लेकिन आज भी सरकारी विभाग मे बैठे कुछ आधिकारिक सूचनाओं को जनता से छुपाना चाहते हैं।
जिसके कारण आम आदमी तक सूचना नही पहुंचा पाती। इस सूचना के लिए उन्हें काफी लंबा संघर्ष करना पड़ा। फिर भी अधिकारियों ने उन्हें जानकारी नही दी। जिसके कारण उन्हें राज्य सूचना आयोग में अपील करनी पड़ी। आयोग के निर्देश पर भी जब निगम ने जानकारी नहीं दी तो आयोग ने सख्त कदम उठाते हुए फरीदाबाद नगर निगम पर 20 हजार का जुर्माना लगाया। ये जुर्माना अधिकारियों के वेतन से काटा जाएगा।
एडवोकेट पाराशर ने कहा कि नगर निगम के कारण फरीदाबाद शहर विकास में पिछड़ता जा रहा है। तमाम बड़े घोटालों की ख़बरें नगर निगम से ही आतीं हैं और अरावली पर भूमाफियाओं ने जंगल नष्ट कर बड़े-बड़े महल नगर निगम की मेहरबानी से ही बना लिए। उन्होंने कहा नगर निगम का जोर गरीबों पर ही चलता है। बड़े लोगों के गलत कामों में निगम अधिकारियों की मिली भगत होती है।