Faridabad/Alive News : आशा वर्कर्स एमडीएम 360 शिल्ड ऐप डाउनलोड नहीं करेंगी विभाग चाहे तो वापस ले सकता है अपने फोन। यह बयान आशा वर्कर यूनियन फरीदाबाद प्रधान हेमलता एवं जिला महासचिव सुधा ने संयुक्त रूप से दिया है।आशा वर्कर पर पिछले लंबे समय से ऑनलाइन काम करने का दबाव बनाया जा रहा है आशाओं ने बिना डाटा बिना फोन और बिना ट्रेनिंग के ऑनलाइन काम करवाने का दबाव बनाने के लिए पहले भी अपना विरोध दर्ज करवाया था और इन मांगों के लिए एक लंबा आंदोलन चला था। तब विभाग ने आशाओं को फोन मुहैया करवाए हैं जिसमें आशा ऑनलाइन काम कर रही है। अब विभाग द्वारा इस फोन के अंदर एमडीएम 360 फील्ड एप डाउनलोड करने के लिए कहा गया है। यह काम जिला आशा कोआर्डिनेटर और ब्लॉक आशा कोआर्डिनेटर स्वयं आशाओं के फोन में कर रहे हैं
वह स्वयं ही उनका पासकोड शेयर कर रहे हैं एवं सभी पर्सनल जानकारियां शेयर करने की परमिशन भी स्वयं ही उनके फोन में ले रहे हैं। यह एक सर्विलांस ऐप है जिसके माध्यम से विभाग इस फोन के अंदर कोई भी चीज अपलोड कर सकता है किसी भी चीज को डिलीट कर सकता है आशाओं की लोकेशन ट्रेस कर सकता है। आशाएं सभी महिलाएं हैं परंतु इनके कोऑर्डिनेटर और ऑफिसर ज्यादातर पुरुष है साधारण परिस्थितियों में भी आशाओं के सेक्सुअल हैरेसमेंट के मसले हमारे सामने आए हैं।
एरिया में काम करते वक्त भी आशाओं को कई तरह की धमकियां मिलती रही हैं। अब आशा के फोन की हैंडलिंग यदि विभाग के हाथ में होती है तो आशाओं को और भी कई तरह से ब्लैकमेल करने या उनके साथ किसी भी तरह की दुर्घटना होने की संभावना है कई गुना बढ़ जाएगी । इन सब तथ्यों को छोड़ भी दें तो भी स्वयंसेवी महिलाओं के फोन में ऐसी सर्विलांस किसी भी तरह से उपयुक्त नहीं है।
पिछले दिनों में विभाग द्वारा आशा वर्कर्स के जिले के नेताओं को विशेष रूप से चिन्हित करके प्रताड़ित करने एवं अपमानित करने के मामले भी सामने आए हैं।
आशा है रात में भी अपने मरीजों के साथ हॉस्पिटल्स आती जाती रहती हैं उनकी लोकेशन ट्रेस करके उनके साथ ऐसे समय में दुर्घटनाओं की रफ्तार काफी बढ़ सकती है। आशाएं टेक्निकली इतनी ज्यादा जानकार भी नहीं है कि वह बहुत ही सावधानी पूर्वक अपने पर्सनल डाटा को और विभागीय डाटा को बिल्कुल अलग अलग रख सकें अतः इसके माध्यम से उनकी पर्सनल लाइफ में हस्तक्षेप भी संभव है। इन तमाम स्थितियों को ध्यान में रखते हुए आशा वर्कर्स यूनियन हरियाणा ने तय किया है कि आशा वर्कर एमडीएम 360 शील्ड एप बिल्कुल भी डाउनलोड नहीं करेंगी।आज पूरे हरियाणा की आशा अपने-अपने सीएमओ को और जहां पर जरूरत महसूस की जाएगी वहां पर अपनी पीएचसी पर एमओ या सीएचसी पर एसएसओ को मांग पत्र सौंपेंगी। विभाग द्वारा कार्रवाई तुरंत ना रोके जाने एवं अपनी अन्य मांगों के पूरा न होने की स्थिति में 7 तारीख को जबरदस्त प्रदर्शन करेंगी।
हमारी मांगे
- आशाओं के फोन में डाउनलोड करवाई जा रही एमडीएम सील्ड 360 ऐप को तुरंत बंद किया जाए। आशा वर्कर्स की स्थिति दो दो फोन एक साथ हैंडल करने की नहीं है और विभाग द्वारा दिए गए फोन में ऐप डाउनलोड होने के बाद आशा वर्कर्स की पर्सनल जानकारियां मिस यूज होने का खतरा है क्योंकि आशा वर्कर सब महिलाएं हैं किसी महिला द्वारा हैंडल किए जा रहे फोन में ऐसी सर्विलांस कई तरह की दिक्कतें पैदा कर सकती है अतः इस ऐप को आशाओं के फोन में डाउनलोड करवाना बंद किया जाए। जिन आशाओं के फोन में उनको सही जानकारी दिए बिना जितने भी ऐप डाउनलोड किए गए हैं उन सब को भी डिलीट किया जाए। यदि विभाग चाहता है तो वह फोन वापस ले सकता है परंतु आशा इस ऐप को फोन में डाउनलोड नहीं करेंगे।
- बहुत सारी आशा वर्कर्स के पास आई कार्ड नहीं है कोविड-19 के दौरान बिना आई कार्ड की सर्वे करने में आशाओं को दिक्कत आ रही है इसलिए आशाओं को आई कार्ड जारी किए जाए।
- आशाओं को मास्क, सैनिटाइजर दिए जाएं। काफी पीएचसी पर तो सुरक्षा उपकरण मिले ही नहीं है, जहां पर मिले हैं वह भी काफी कम है। 2-4 सर्जिकल मास्क से पूरा महीना काम करना संभव नहीं है। सर्जिकल मास्क के साथ रीयूजेबल मास्क भी दिए जाए ताकि आशा काम करते समय डबल मास्क पहन सके
- रिकॉर्ड चेक करने के नाम पर आशा वर्कर्स यूनियन जिला प्रधान अंजू को प्रताड़ित करने एवं दंडित करने की द्वेषपूर्ण कार्यवाही को आपके द्वारा दिए गए आश्वासन अनुसार वापस लिया जाए एवं अंजू की सेवाएं आशा वर्कर्स के रूप में जारी रखी जाए।
- कोविड 19 से मृत्यु हुई आशा वर्कर के परिवारों को अविलंब 50 लाख केंद्र सरकार एवं 10 लाख हरियाणा सरकार का बीमा दिया जाए।
6.आठ एक्टिविटी का काटा गया 50% तुरंत वापस लागू किया।
- 10,000 जोखिम भत्ता दिया जाए। कोविड-19 के लिए दिए जा रहे 1000 प्रोत्साहन राशि का 50% दिया जाए।
- आशाओं को ग्राम स्तरीय स्थाई कर्मचारी बनाया जाए। जब तक पक्का कर्मचारी नहीं बनाया जाता तब तक हरियाणा सरकार का न्यूनतम वेतन दिया जाए और इसे महंगाई भत्ते के साथ जोड़ा जाए। ईएसआई एवं पीएफ की भी सुविधा दी जाए।
- आशा वर्कर्स को हेल्थ वर्कर का दर्जा दिया जाए।
- 10वीं से कम पढी हुई एवं 60 वर्ष की आशाओं को रिटायरमेंट बेनिफिट दिए बिना छंटनी बंद की जाए।
11.आशा पे ऐप एवं आशा सर्वेक्षण एप की ट्रेनिंग बड़ी स्क्रीन पर दी जाए।
- आशाओं को किसी भी काम के लिए दो-तीन दिन पहले सूचित किया जाए तुरंत एकदम से किसी काम के लिए उपस्थित होने के लिए ना कहा जाए। कई बार आशा अपनी डिलीवरी के साथ एएनसी के साथ या फिर अपने किसी पर्सनल काम से एरिया से बाहर होती हैं तो उन्हें तुरंत उपस्थित होने के लिए कहा जाता है जोकि संभव नहीं है। इस संदर्भ में आशाओं को काफी समस्याएं आ रही हैं क्योंकि तुरंत ना पहुंचने की स्थिति में आशाओं को हटाने की धमकी दी जाती है।