New Delhi/Alive News: फेसबुक ने मंगलवार को कहा कि भारत सरकार द्वारा बनाए गए नए सूचना प्रौद्योगिकी नियमों का पूरा पालन करेगा। इसके लिए अपनी कार्यप्रणाली में भी बदलाव ला रहा है। वहीं जनवरी से अपने यूजर्स को नई निजता नीति स्वीकार करने या अकाउंट डिलीट करने के लिए तैयार रहने की धमकी देने वाले व्हाट्सएप ने कहा की वह नीति को लागू करने से पहले भारत सरकार के निजी डाटा संरक्षण कानून का इंतजार करेगा।
वह नई नीति स्वीकार करने वाले यूजर्स की ऑडियो व वीडियो कॉल और मैसेज भेजने की सेवाएं बंद नहीं करेगा। खास बात है कि 18 मई को भारत सरकार ने व्हाट्सएप को पत्र लिखकर 7 दिन में अपनी यह निजता नीति वापस लेने अन्यथा कानूनी कार्रवाई के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी थी।
केंद्र सरकार ने 25 फरवरी को सूचना प्रौद्योगिकी नियमावली 2021 जारी की थी। अबतक देश में बे-रोकटोक के चल रहे सोशल मीडिया, ओटीवी व कई डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के तहत रखे गए।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को 3 महीने की मोहलत 25 मई को हुई समाप्त
इसमें दिए गए निर्देश पूरे करने के लिए सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को 3 महीने की मोहलत दी गई थी, जो 25 मई को पूरी हो गई। हालांकि अभी टि्वटर, इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफार्म की ओर से नहीं बताया गया है कि नए नियमों पर वह क्या करने जा रहे हैं। इन्हें लागू करने की डेडलाइन भी बीत चुकी है। ऐसे में गेंद अब केंद्र सरकार के पाले में है। वह चाहे तो घोषित नियमों के तहत इन प्लेटफार्म पर सख्त कार्यवाही कर सकती है।
दूसरी और व्हाट्सएप ने भी अपनी नई निजता नीति को लेकर कहा है कि वह इसे स्वीकार नहीं करने वाले यूजर्स के लिए व्हाट्सएप के जरिए फोन में वीडियो कॉल और मैसेजिंग फीचर 15 मई के बाद धीरे-धीरे बंद नहीं करेगा। गाइडलाइन के लिए समय सीमा पूरी होने के कुछ घंटे पहले फेसबुक ने बयान जारी किया। उसने कहा कि किसी नियम पर अगर विवाद है तो उन पर चर्चा जारी है। उसने कहा कि इन पर सरकार की तरफ से ज्यादा भागीदारी की जरूरत है। यह लोगों को अपनी बात पूरी स्वतंत्रता व सुरक्षा के साथ अभिव्यक्त करने देने के लिए अपना प्लेटफार्म समर्पित करता है।
जानकारी के मुताबिक फेसबुक की मालिकाना हक में आने वाले व्हाट्सएप ने कहा कि उसने भारत सरकार द्वारा भेजे गए पत्र का जवाब दे दिया है इसमें कहा है कि इस वर्ष की निजता उसकी सर्वोपरि प्राथमिकता है। वह क्षति स्वीकार न करने वाले यूजर्स के फीचर को खत्म करने की घोषणा वापस लेता है। हालांकि वह नई निजता नीति को लेकर नोटिफिकेशन देता रहेगा। लेकिन भारत सरकार के निजी डाटा संरक्षण कानून के अस्तित्व में आने तक इंतजार करेगा। विशेषज्ञों के अनुसार, व्हाट्सएप का स्टैंड डाटा संरक्षण कानून का महत्व और बढ़ा देता है।
सूचना प्रौद्योगिकी नियमावली उन सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लागू है जिनके 50 लाख से अधिक यूजर हैं। देश में सेवाएं दे रहे सभी प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे फेसबुक, टि्वटर, व्हाट्सएप, टेलीग्राम, सिग्नल, इंस्टाग्राम आदि इनकी जद में आ रहे हैं। नए नियमों के तहत सोशल मीडिया कंपनी को भारत में अपना अनुपालन अधिकारी, नोडल संपर्क अधिकारी और शिकायत सुनवाई अधिकारी भी नियुक्त करना होगा, जो भारत में ही रहेगा।
इनके प्लेटफार्म से फैलाई जा रही सामग्री के लिए यही अधिकारी जिम्मेदार होंगे। अगर उनके मॉडरेशन में गलती पाई गई तो सजा मिलेगी।
फर्जी संदेश पकड़ने के लिए सरकारी एजेंसियों को शक्ति दी गई कि वह प्लेटफार्म से किसी भी संदेश के ‘फर्स्ट ओरिजनेटर’ यानी इसे सबसे पहले किसने प्रसारित किया यह जानकारी मांग सकते हैं। हालांकि एंड टू एंड इंक्रिप्शन को इस नियमों की वजह से खतरे में माना जा रहा है।
सरकार सोशल मीडिया कंपनियों को उनके प्लेटफार्म से किसी भी कंटेंट को 36 घंटे की मोहलत देकर हटाने का आदेश दे सकती है। कंटेंट न हटाने पर प्लेटफार्म पर आपराधिक मुकदमा दायर किया जा सकता है। विशेषज्ञ कर रहे सावधान विशेषज्ञों के अनुसार, नए नियमों भारत में इंटरनेट के जरिए दी जा रही सभी सेवाओं में बुनियादी बदलाव ला सकते हैं। हालांकि इस बात पर भी नाराजगी जताई गई कि नियम बनाते वक्त नागरिकों व विशेषज्ञों से खुली चर्चा नहीं की गई।
कई मामलों में इन्हें राजनीतिक सेंसरशिप लागू करने का जरिया माना जा रहा है। सरकार सोशल मीडिया कंपनियों को उनके प्लेटफार्म से किसी भी कंटेंट को 36 घंटे की मोहलत देकर हटाने का आदेश दे सकती है। कंटेंट न हटाने पर प्लेटफार्म पर आपराधिक मुकदमा दायर किया जा सकता है। यह नियम उन सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लागू होंगे जिनके 50 लाख से अधिक यूजर हैं। देश में सेवाएं दे रहे सभी प्रमुख सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे फेसबुक, टि्वटर, व्हाट्सएप, टेलीग्राम, सिग्नल, इंस्टाग्राम आदि इसकी जद में आ रहे हैं।