Chandigarh/Alive News : कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के कारण हरियाणा में भी हालात बिगड़ते जा रहे हैं। शुक्रवार को पानीपत में ऑक्सीजन और वेंटिलेटर नहीं मिलने से कोरोना संक्रमित पांच लोगों की मौत हो गई। मृतकों के परिजनों का आरोप था कि अगर समय पर ऑक्सीजन और वेंटिलेटर मिल जाते तो उनकी जान बच सकती थी।
जानकारी के मुताबिक मृतकों में चार मरीज दिल्ली के थे, जिन्हें वहां बेड नहीं मिलने पर पानीपत लाया गया था। इनमें से एक मरीज की मौत एंबुलेंस में ऑक्सीजन सिलिंडर खत्म होने से हो गई जबकि एक के परिजनों का आरोप है कि सिविल अस्पताल में लीक होने से मरीज को सही से ऑक्सीजन नहीं मिल सकी। सभी मृतकों का जन सेवा दल ने शिवपुरी श्मशान घाट में कोविड प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार किया गया।
12 अस्पतालों में लेकर घूमे, नहीं मिला वेंटिलेटर
दिल्ली स्थित पालम राज नगर निवासी ओमपति की शुक्रवार सुबह हालत बिगड़ गई। परिजन उनको लेकर दिल्ली के कई अस्पतालों में गए, लेकिन वहां बेड नहीं मिल सका। परिचितों के कहने पर परिजन दोपहर उसे पानीपत लेकर आए। यहां वे सनौली रोड, असंध रोड और गोहाना रोड पर 12 अस्पतालों में उन्हें लेकर गए, लेकिन कहीं भी बेड नहीं मिला। इस दौरान एंबुलेंस में ऑक्सीजन सिलिंडर खत्म हो गया और सिविल अस्पताल के पास ओमपति अपना जीवन हार गईं।
दिल्ली से मां को लेकर आए, समय रहते नहीं मिला वेंटिलेटर
दिल्ली के कराला निवासी पवन ने बताया कि उसकी मां धर्मदेवी कोरोना पॉजिटिव थीं। वह शुक्रवार को उन्हें लेकर सनौली रोड स्थित निजी अस्पताल में आए थे, यहां ऑक्सीजन बेड की समस्या थी। फिर देरी से वेंटिलेटर पर शिफ्ट किया गया, तब तक उनकी सांसें रुक गईं। पवन ने कहा कि समय पर वेंटिलेटर मिल गया होता तो उसकी मां जीवित होतीं।
ऑक्सीजन लीक होने से मौत होने का आरोप
जानकारी के मुताबिक गाजियाबाद के नासिरपुर निवासी यशपाल ने बताया कि उसकी मां राजेश दिल्ली में कोरोना संक्रमित थीं। शुक्रवार को उनकी हालत ज्यादा बिगड़ गई। दिल्ली में कहीं बेड नहीं मिला। वह उन्हें लेकर पानीपत आए, यहां भी निजी अस्पतालों में बेड नहीं मिला। वह सिविल अस्पताल में मां को लेकर पहुंचे। उनका आरोप था कि ऑपरेटर ने उन्हें ऑक्सीजन दी, लेकिन लीक होने से मां को सही तरह से ऑक्सीजन नहीं मिल सकी। उनकी कुछ देर बाद मौत हो गई।
वेंटिलेटर नहीं मिला, करनाल जाते समय रास्ते में मौत
गांव जाटल निवासी संदीप (40) कोरोना पॉजिटिव थे। परिजन उसे बिशनस्वरूप कॉलोनी स्थित निजी अस्पताल में लेकर गए, यहां बेड फुल थे। परिजन उन्हें लेकर सिविल अस्पताल में आए, यहां भी उसे वेंटिलेटर की सुविधा नहीं मिली। इसके बाद परिजन उसे लेकर कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज करनाल के लिए रवाना हुए। रास्ते में उनकी वेंटिलेटर के अभाव में मौत हो गई।
मरीज को लेकर वेंटिलेटर के लिए घूमते रहे
दिल्ली स्थित इंद्रा विहार निवासी सुरेश गुलाटी (55) को गांव सिवाह के पास एक निजी अस्पताल में दाखिल कराया गया था। यहां वेंटिलेटर खाली नहीं थे। एक घंटे तक परिजन उन्हें वेंटिलेटर के लिए इधर से उधर लेकर घूमते रहे। वेंटिलेटर नहीं मिल पाने के कारण उनकी मौत हो गई।