Faridabad : विद्यार्थियों को रोजगार के बेहतर अवसर उपलब्ध करवाने के दृष्टिगत वाईएमसीए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, फरीदाबाद द्वारा एक दिवसीय ‘इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव-2018’ का आयोजन किया गया। ‘रोजगार तथा उभरती हुई प्रौद्योगिकी’ विषय पर आयोजित कॉन्क्लेव में विभिन्न उद्योगों से 150 से ज्यादा प्रतिनिधियों के हिस्सा लिया। इस कॉन्क्लेव का आयोजन टीईक्यूआईपी-3 परियोजना के तहत किया गया।
इस अवसर पर विद्यार्थियों के लिए रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए औद्योगिक प्रशिक्षण के ज्यादा से ज्यादा अवसर सृजित करने के दृष्टिगत गोदरेज एंड बोई मैनुफैक्चरिंग कंपनी लिमिटेड, यामाहा मोटर्स सोल्युशन्स प्राइवेट लिमिटेड तथा एनएसआईसी-टैक्निकल सर्विसेज सेंटर, नीमका के साथ तीन समझौतों पर हस्ताक्षर किये गये। इन समझौतों से विद्यार्थियों को औद्योगिक मांग के अनुरूप कौशल विकास के अवसर मिलेंगे। कॉन्क्लेव में लगभग 150 औद्योगिक प्रतिनिधियों तथा विश्वविद्यालय के भूतपूर्व विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया।
कुलपति प्रो. दिनेश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित सम्मेलन का शुभारंभ सभी मुख्य वक्ताओं की उपस्थिति में दीप प्रज्वलन द्वारा हुआ। स्वागतीय संबोधन में प्लेसमेंट अधिकारी डॉ. सुमन वशिष्ठ ने इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव-2018 के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन ट्रेनिंग व प्लेसमेंट अधिकारी डॉ. लखविन्द्र सिंह, एलुमनी व कार्पोरेट सेल के निदेशक डॉ. संजीव गोयल तथा इंडस्ट्री रिलेशन्स सेल की निदेशक डॉ. रश्मि पोपली द्वारा किया गया।
अध्यक्षीय संबोधन में कुलपति प्रो. दिनेश कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय ने विभिन्न क्षेत्रों में औद्योगिक नेतृत्व प्रदान किये है, जिन्होंने अपने नवीन विचारों को उद्योगों में बदला और उत्कृष्टता हासिल की है। विद्यार्थियों को स्टार्ट-अप के लिए प्रोत्साहित करते हुए कुलपति ने कहा कि विद्यार्थियों को स्थापित उद्योगों को नौकरी की बजाये खुद के उपक्रम शुरू करने पर ध्यान देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि इस तरह के कॉन्क्लेव विद्यार्थियों को नये आइडिया पर काम करने के लिए मंच प्रदान करते है और यह हमारा दायित्व है कि ऐसे विचारों को उत्पादों में बदलने के लिए विद्यार्थियों को सहयोग दें। उन्होंने तकनीकी मांग के अनुरूप विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में बदलाव पर भी बल दिया।
अपने संबोधन में विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र व यूनाइटेड टेक्नोलॉजी के प्रबंध निदेशक अरूण भाटिया ने कॉन्क्लेव के दौरान प्रस्तुत किये गये विद्यार्थियों के प्रोजेक्ट्स की सराहना की तथा कहा कि मदद प्रदान कर विद्यार्थियों के ऐसे नवीन विचारों को कमर्शियलाइज किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों द्वारा छोटे स्तर पर विकसित की जाने वाली तकनीकों पर भरोसा किया जा सकता है, जबकि ऐसी तकनीकों के लिए हमें चीन और जापान जैसे देशों पर निर्भर करना पड़ता है। उन्होंने विद्यार्थियों को उभरती तकनीकों तथा नये अवसरों के प्रति जागरूक रहने का सुझाव दिया।
फरीदाबाद लघु उद्योग संघ के अध्यक्ष राजीव चावला ने उभरती तकनीकों तथा बिजनेस पर इसके प्रभावों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि उभरती तकनीकों ने पूरे व्यवसायिक परिदृश्य को बदल दिया है।
इसलिए आज उद्योगों की शिक्षण संस्थानों पर निर्भरता बढ़ रही है और इसके लिए औद्योगिक-अकादमिक समझौते समय की मांग है। उन्होंने कहा कि ऐसे उद्यम जो तकनीक का उपयोग कर रहे है, वो ऐसे उद्यमों का स्थान ले लेंगे जो तकनीकी रूप पीछे है। कॉन्क्लेव को स्टार वायर इंडिया लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक डॉ. एस.के गोयल ने भी संबोधित किया। सत्र के अंत में डॉ. संजीव गोयल ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा।
कॉन्क्लेव के दौरान विभिन्न क्षेत्रों में उभरती तकनीकों तथा नये अवसरों पर पैनल चर्चा तथा विभिन्न विशेषज्ञ व्याख्यानों का आयोजन भी किया गया। इस अवसर पर विद्यार्थियों के अभिनव विचारों को पोस्टर प्रदर्शनी तथा प्रोटोटाइप मॉडल के माध्यम से प्रदर्शित करते हुए एक प्रतियोगिता का आयोजन किया गया,
जिसमें विद्यार्थियों के 15 स्टार्ट-अप आइडिया तथा 26 प्रोटोटाइप मॉडल प्रदर्शित किये गये। प्रदर्शनी में रखे गये आइडिया को व्यवहारिकता के मानदंड पर परखते हुए प्रथम तीन स्थानों के लिए पुरस्कार प्रदान किये गये।
पोस्टर प्रदर्शनी में सिंग्नल आफ व्हील प्रोजेक्ट को पहला पुरस्कार दिया गया।
इसी प्रकार, मैकेनिकल हॉर्स तथा विंड मिल प्रोजेक्ट को क्रमशः दूसरा व तीसरा पुरस्कार दिया गया। इसी प्रकार, प्रोटोटाइप मॉडल्स प्रदर्शनी में वेरिएबल स्टेरिंग रेशो मॉडल को पहला पुरस्कार, ब्लाइंड नेविगेशन स्टिक मॉडल को दूसरा तथा 3डी प्रिंटर व स्मार्ट हेलमेट मॉडल को तीसरा पुरस्कार दिया गया।