हम प्रकृति के उपासक हैं उपभोक्तावाद के नहीं। विज्ञान भी आज हजारों वर्षों से स्थापित हमारी परंपराओं को सही ठहरा रहा है।
Faridabad/Alive News : भारतीय नववर्ष पूर्णतया प्रकृति एवं वैज्ञानिक पद्धति पर आधारित है जो अत्यंत प्राचीन तथा पूर्णतया प्रामाणिक है। उक्त विचार रविवार को बल्लबगढ़ में भूदत्त कॉलोनी स्थित सरस्वती विद्या मंदिर में आयोजित भारतीय नववर्ष स्वागत समारोह एवं विद्यालय के वार्षिकोत्सव के अवसर पर मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए प्रो. प्रदीप डिमरी ने व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि हम प्रकृति के उपासक हैं उपभोक्तावाद के नहीं। विज्ञान भी आज हजारों वर्षों से स्थापित हमारी परंपराओं को सही ठहरा रहा है। इसलिए अपनी भारतीय परम्पराओं, सभ्यता एवं संस्कृति को सहेज कर सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी हम सब की है।
इस अवसर पर विद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा अनेक संस्कारप्रद एवं मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गए। विद्यालय के प्रधानाचार्य मुकेश शर्मा ने इस अवसर पर विद्यालय के बारे विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि बच्चों को संस्कारयुक्त शिक्षा प्रदान करना ही विद्यालय का मुख्य उद्देश्य है। कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि बल्लबगढ़ के माननीय विधायक मूलचंद शर्मा तथा वनवासी कल्याण आश्रम के विभाग अध्यक्ष बलबीर सिंह, उद्योगपति एवं समाजसेवी अजय जुनेजा एवं भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष गोपाल शर्मा विशिष्ट अथिति के रूप में उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता उद्योगपति एवं समाजसेवी महेश चंद बंसल ने की। विशिष्ट अथिति बलबीर सिंह एवं अजय जुनेजा ने भी इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किये।
दीप प्रज्ज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारम्भ तथा राष्ट्रगीत वंदे मातरम् के साथ कार्यक्रम संपन्न हुआ। विद्यालय की शिक्षिका शीतल राजपूत ने मंच संचालन किया। सरस्वती शिक्षा समिति बल्लबगढ़ के सचिव सीए चुन्नीलाल गर्ग ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय संपर्क प्रमुख श्रीकृष्ण सिंघल, विभाग कार्यवाह राकेश त्यागी, स्थानीय पार्षद दीपक यादव, समिति के अध्यक्ष राम अवतार गुप्ता, समिति के सदस्य गिरधारी लाल जुनेजा, सीताराम अग्रवाल, हरिओम अग्रवाल, आदेश सिंघल जी, राजेंद्र गोयल, दीपक अग्रवाल सहित शहर के अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।