शिक्षा विभाग के अधिकारियों की लापरवाही से शिक्षकों में रोष, बोले- जेब से कर रखे हैं रुपये खर्च, बिल कैसे भरा जाएगा
Kurukshetra/Alive News : मुख्यमंत्री स्कूल में अव्वल रहने वाले स्कूलों को जारी होने वाली इनामी राशि में अब नया अड़ंगा आ गया है। शिक्षा विभाग की लापरवाही से इस राशि के जारी होने में देरी के चलते अब खजाना कार्यालय ने इस राशि पर 30 प्रतिशत कटौती का फरमान जारी कर दिया है। इस फरमान से संबंधित स्कूलों के शिक्षकों में हड़कंप मच गया है। इन स्कूलों के शिक्षकों ने इस योजना के लिए अपनी जेब से रुपये खर्च कर रखे हैं। विजेता राशि में कटौती के फरमान पर शिक्षकों ने रोष जताया है।
प्रदेश सरकार की मुख्यमंत्री स्कूल के तहत खंड स्तर पर अव्वल आने वाले स्कूलों को हजार रुपये की राशि दी जाती है। इसी तरह जिला स्तर पर प्रथम आने वाले स्कूलों को एक लाख रुपये इनामी राशि जारी की जाती है। इस योजना के परिणाम दिसंबर माह में ही घोषित कर दिए थे और इसके बाद जनवरी को इन्हें विजेता प्रमाण पत्र भी जारी कर दिए गए थे, लेकिन इतना होने पर भी शिक्षा विभाग द्वारा प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों की इनामी राशि अभी तक जारी नहीं की गई है।
इस राशि को जारी करने में देरी पर राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के एतराज पर शिक्षा विभाग द्वारा इनामी राशि जारी करने को लेकर पत्र जारी किया गया। लेकिन अब इसमें नया पेंच फंस गया है। खजाना कार्यालय की ओर से सरकारी नियमानुसार मार्च माह में जारी की जाने वाली राशि में 30 प्रतिशत कटौती की जाती है। इस कटौती से शिक्षकों में रोष है। उनका कहना है कि यह इनामी राशि है। इसमें कटौती वाजिब नहीं है। स्कूलों को सुंदर बनाने के लिए शिक्षकों ने अपनी जेब से रुपये खर्च कर रखे हैं, अब अगर इनामी राशि नहीं मिली तो वह बिलों का पैसा कहां से भरेंगे।
यह लापरवाही विभाग की है। शिक्षा विभाग ने समय पर बजट आने के बावजूद इसे जारी करने में देरी की है। प्रतियोगिता के परिणाम दिसंबर में आ गए थे और इनामी राशि अब मार्च के अंत में जारी की जा रही है। इस लापरवाही का खामियाजा शिक्षक की जेब से नहीं, इसके लिए जिम्मेदार अधिकारी की जेब से होना चाहिए
-विनोद चौहान, जिला अध्यक्ष, राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ.
स्कूलों को सरकार द्वारा तय की गई पूरी इनामी राशि दी जाएगी। इसके लिए उन्होंने उच्चाधिकारियों को पत्र जारी कर दिया है। उच्चाधिकारियों की ओर से मिले आदेश की कॉपी खजाना कार्यालय को भेज दी जाएगी। इसके बाद सभी विजेताओं को राशि दी जाएगी
-सतनाम भट्टी, उप जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी.