Chandigarh/Alive News : हरियाणा विधानसभा बजट सत्र के आखिरी दिन गुरुवार को सदन में सरकारी नौकरियों पर हंगामा हुआ। सीएम मनोहर लाल ने पिछली चौटाला और हुड्डा सरकार को घेरते हुए अपनी सरकार में दी गईं सरकारी नौकरियों का हिसाब दिया। मुख्यमंत्री ने चतुर्थ श्रेणी की नौकरियों में बदले गए नियमों का हवाला देते हुए एलान किया कि जल्द ही 34 हजार खाली पदों पर नई भर्तियां की जाएंगी। उन्होंने अनुबंध आधार (आउटसोर्सिग) पर होने वाली भर्ती में हरियाणा की आरक्षण पॉलिसी लागू करने की घोषणा की।
अभी तक आउटसोर्सिग पॉलिसी पार्ट वन के तहत लगे कर्मचारियों को ही आरक्षण का लाभ मिलता था, मगर अब आउटसोर्सिग पॉलिसी पार्ट टू के तहत कर्मचारियों को भी आरक्षण का लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि उनकी सरकार में बिना सिफारिश मेरिट के आधार पर सरकारी नौकरियां दी जा रही हैं। वर्ष 1999 से 2004 के बीच चौटाला सरकार में 11,800 सरकारी नौकरियां दी गई। 2004 से 2014 के बीच हुड्डा सरकार के 10 साल के कार्यकाल में 20,030 सरकारी नौकरियां दी गईं। अक्टूबर 2014 से 2018 तक भाजपा सरकार तीन साल में अभी तक 24,016 नौकरियां दे चुकी है। पूर्ववर्ती हुड्डा सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि 10 सालों में चतुर्थ श्रेणी (ग्रुप डी) की कोई भर्ती नहीं की गई।
2008 में भर्ती प्रक्रिया शुरू करने को कमेटी बनाई गई, मगर 2011 में उसे भंग कर दिया गया। 2013 में हुड्डा सरकार ने फिर भर्ती प्रक्रिया शुरू करनी चाही, मगर कुछ नहीं हो पाया। राज्य में चतुर्थ श्रेणी के 63,170 पद हैं। इनमें से 33,879 पद रिक्त चल रहे हैं, जिन पर सरकार जल्द ही भर्ती प्रक्रिया शुरू करेगी। उन्होंने कहा कि करीब 52 हजार सरकारी नौकरियों के लिए विज्ञापन निकाले गए। 14 मार्च को 6134 लिपिकों का रिजल्ट घोषित कर शुक्रवार तक बिना सिफारिश सभी को ई-मेल और एसएमएस के जरिए आवंटित स्टेशन की सूचना दे दी जाएगी। अगले 24 से 48 घंटे में सभी पास अभ्यर्थी नौकरी ज्वाइन कर सकेंगे। मुख्यमंत्री के अनुसार करीब 12 से 14 हजार पद कानूनी प्रक्रिया में उलझे हुए हैं। उनकी पैरवी कोर्ट में पूरी मजबूती के साथ हो रही है।