Kolkata/Alive News : भौतिक विज्ञान में नोबेल पुरस्कार विजेता अमेरिकी वैज्ञानिक डेविड जोनाथन ग्रॉस का कहना है कि अन्य संस्कृतियों के बारे में अज्ञानता से कट्टर राष्ट्रवाद को बढ़ावा मिलता है और इस तरह के माहौल में ज्ञान की ज्योति जलाने की जिम्मेदारी छात्रों पर है. ग्रॉस को 2004 में भौतिकी में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. एक चैनल के अनुसार उन्होंने भारतीय सांख्यिकी संस्थान (आईएसआई) के 52वें दीक्षांत समारोह के अपने संबोधन में कहा कि अन्य संस्कृतियों के बारे में अज्ञानता से कट्टर राष्ट्रवाद फैलता है और भविष्य के नागरिक होने के नाते आप लोगों पर इस माहौल में ज्ञान की ज्योति जलाने की जिम्मेदारी हैं.
धार्मिक कट्टरता
उन्होंने कहा कि पूरी मानवता कुछ हजार साल पहले एक ही मां से पैदा हुई है, इस बात को हम कैसे भूल सकते हैं और नस्लवाद तथा धार्मिक कट्टरता बर्दाश्त कर सकते हैं. हमारी पीढ़ी ने आपको बड़े पैमाने पर फैली असमानता से निपटने के लिए छोड़ दिया है जो अब भी इन देशों में मौजूद है. अब भी व्यर्थ के युद्ध, हिंसा, खतरा, धर्मांन्धता और आतंक पसरा हुआ है.
राजा-रानी से अच्छी जिंदगी जी रहे
नई पीढ़ी को राष्ट्र की समस्याओं का सामना करने और इसे सुलझाने की सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि आप लोग दरअसल कुछ सौ साल पहले रह रहे राजाओं और रानियों से अच्छी जिंदगी जी रहे हैं. आपके समक्ष काफी कठिन विकल्प हो सकते हैं लेकिन आप वह पता करें कि आपको वास्तविक खुशी किस चीज से मिलती है और संभव हो तो वैसा ही करें. अपने लक्ष्य को ऊंचा रखें और विफल होने की हिम्मत भी रखें.
ISI की तारीफ
ग्रॉस ने संवाददाताओं से कहा कि भारत में आईएसआई और आईआईटी जैसे संस्थान काफी बेहतरीन हैं लेकिन इनकी संख्या कम है. उन्होंने कहा कि वह पिछले 30 सालों से भारत आते रहे हैं और उन्होंने देखा है कि भारत धीरे-धीरे भूख और गरीबी जैसी समस्याओं से निपट रहा है। उन्होंने इसके लिए भारत की तारीफ भी की. नोबेल विजेता ने कहा कि महात्मा गांधी ने भारत से जाति व्यवस्था को खत्म करने के लिए बहुत संघर्ष किया था, लेकिन यह दुख की बात है कि यह देश आज भी इस समस्या से जूझ रहा है.