Faridabad/Alive News : ‘तेरी अखिंयाें का वार जैसे शेर का शिकार हुक्का बार’ ये गाना ताे अापकाे याद हाेगा ही। इस गाने के बाद से लाेगाें में हुक्का पीने का क्रेज तेजी से बढ़ा है। एेसे में हम अापकाे हुक्का पीने के बारे में कुछ चाैकाने वाली बातें बताने जा रहे हैं। इसे सुनने के बाद हुक्का पीना ताे दूर अाप इसके अासपास भी नजर नहीं अायेंगे।
हुक्का सिगरेट से ज्यादा हानिकारक है
हुक्का सिगरेट से ज्यादा हानिकारक है। डॉक्टरों का मानना है कि एक हुक्का पीने से 100 सिगरेटों के बराबर का नुकसान शरीर को पहुंचता है। हुक्के से निकले धुएं की वजह से शरीर की नसें सिकुड़ना शुरू हो जाती हैं। रक्त में होमोसिस्टीन का स्तर बढ़ जाता है। जिससे दिल और दिमाग में थक्का जमने का खतरा बढ़ जाता है। इसके कारण स्ट्रोक या अटैक पड़ सकता है। इसके साथ ही कैंसर का खतरा तो होता ही है।
थक्का जम जाने से चली जाती मरीज की जान
शहर के कार्र्डियोलॉजी इंस्टीट्यूट और हैलट में इस तरह के कई मरीज आते हैं, जो अत्यधिक धूम्रपान की वजह से अटैक या स्ट्रोक का शिकार बनते हैं। थक्का जम जाने से कई बार मरीजों की जान तक चली जाती है। हुक्के का एक सेशन 40 से 45 मिनट का होता है। एक सेशन में हुक्का पीने वाले के शरीर में 250 फीसदी निकोटिन बढ़ जाता है। इतना निकोटिन 100 सिगरेट केबराबर होता है। हुक्के में चारकोल भरा जाता है। इसमें भी कई तरह रसायन होते है।
यह जलने पर कार्बन मोनो आक्साइड बनाता है
यह जलने पर कार्बन मोनो आक्साइड बनाता है। अमेरिकन लंग्स एसोसिएशन ने हुक्का के हानिकारक पहलुओं पर शोध किया है। शोध के मुताबिक हुक्का सिगरेट की तरह मुख, फेफड़े और ब्लड कैंसर का कारक हो सकता है। धूम्रपान की वजह से होमोसिस्टीन का स्तर जब बढ़ जाता है, तो शरीर में थक्का जमने का खतरा चार गुना तक बढ़ जाता है। हर कश में चार हजार रसायन डॉक्टरों केमुताबिक हुक्के के हर कश में चार हजार रसायन होते हैं।
कैंसर और अन्य जानलेवा बीमारी होने का खतरा
इसमें एसीटोन, अमोनिया, नैफ्थेलैमिन, मैथोनॉल, पाइरीन, डाई मैथिल, नाइट्रो सैमीन, नैफ्थैलीन, केडमियम, कार्बन डाइमोनो आक्साइड, बेंजोपाइरीन, वाइनिल क्लोराइड, हाइड्रोजन साइनायड, टोल्यूडिन, युरेथैन, फिनोल समेत 40 से अधिक रसायन से कैंसर और अन्य जानलेवा बीमारी होने की आशंका प्रबल होती है। इससे अस्थमा, ब्रांकाइटिस, लंग्स कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, हृदय रोग हो जाते हैं। सीधे फेफड़े में पहुंचता है धुआं हुक्केसे कश लगाने पर धुआं सीधे फेफड़े तक पहुंचता है।
हुक्के में भरा पानी धुएं को फिल्टर कर देता है
हुक्का बार संचालक युवाओं को यह कहकर बरगलाते हैं कि हुक्के में भरा पानी धुएं को फिल्टर कर देता है। इससे वह नुकसान नहीं करता है, लेकिन यह पूरी तरह गलत है। हुक्केके बेस में डाला गया पानी धुएं को ठंडा कर देता है, लेकिन यह नुकसानदायक होता है। गुजरात में हुक्का बार पूरी तरह प्रतिबंधित है। इसके लिए राज्य सरकार ने फरवरी 2017 को विधानसभा से विधेयक पास कर राष्ट्रपति को भेजा था। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद गुजरात में हुक्का बार बंद हो गए हैं। वहां पर हुक्का बार चलाते हुए पकड़े जाने पर तीन साल कैद और जुर्माने की सजा का प्रावधान है। इसी तरह देश के बाहर अमेरिका, दुबई, यूएई और जर्मनी में भी हुक्का पर प्रतिबंध है।