Faridabad/ Alive News: सेक्टर-12 स्थित कनवेंशन सेंटर में चल रहे पांच दिवसीय संभार्य थियेटर फेस्टिवल के आखिरी दिन ‘मुझे अमृता चाहिए’ नाटक का मंचन किया गया। नाटक ने महिला सशक्तिकरण की छाप छोड़ी और लड़कियों को कठिन परिस्थितियों में हिम्मत न हारने की राह दिखाई। इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप मेंं मिलन रेस्टूरेंट के हेमंत, मल्टी आर्ट कल्चरल सेंटर के चीफ एडवाइजर महेश जोशी व प्रमोद मनोचा मुख्य रूप से उपस्थित थे।
लेखक योगेश त्रिपाठी द्वारा लिखित और इश्वर शून्य द्वारा निर्देशित नाटक मुझे अमृता चाहिए में एक लड़की के जीवन को दिखाया गया है। वह लड़की किस तरह से अपने सपनों को पूरा करने के लिए प्रयास करती है और अंत में उसे कामयाबी भी मिल जाती है। दरअसल कहानी एक लड़की से शुरू होती है जिसकी शादी नहीं हो रही होती है। घर में मां बाप परेशान है। इसी बीच लड़की को एक थियेटर में काम करने का मौका मिल जाता है। थियेटर करते करते उसका आकर्षण रंगमंच की तरफ हो जाता है। वह रंगमंच से प्यार करना शुरू कर देती है। वहीं दूसरी तरफ उसके घर वाले थियेटर से परेशान हो जाते है। वह उसे रोकते भी है लेकिन बाद में उसके पापा उसे नाटक करने देने की इजाजत दे देते है। नाटक करते वह लड़की अपनी मेहतन के बल पर एक बेहतरीन अदाकारा बन जाती है और अपनी मंजिल को छू लेती है। नाटक में जिस तरह से लड़की के किरदार को दिखाया गया वह काबिले तारीफ था।
नाटक का मंचन संवाद फरीदाबाद ग्रुप द्वारा किया गया। जिसमें इशा पांडे, शिवानी, इश्वर शून्य, अमीर खान, रवशरण कौर, विनय कुमार, रजन गुप्ता, आशीष कुमार, अपर्णा ने बेहतरीन एक्टिंग की। नाटक में लाइटिंग का काम अभिजीत व साउंड पर अनस खान थे। इस दौरान संभार्य फाउंडेशन के मैनेजिंग डॉयरेक्टर अभिषेक देशवाल ने कहा कि संभार्य इसी तरह से कल्चर को बढ़ावा देने के लिए साल में कम से कम दो बार थियेटर फेस्टिवल करता रहेेगा। उन्होंने ये भी कहा कि थियेटर करने के लिए सरकार कोई जगह मुहैया नहीं करवाती है। इसलिए शहर के कलाकार जल्द ही एक बड़ा आंदोलन भी करेंगे ताकि कलाकारों की आवाज सरकार तक पहुंच जाए। इस मौके पर स्टूडेंट्स वेलफेयर असोसिएशन के प्रधान चिराग मोहना, समरसता मंच के अध्यक्ष गंगाधर त्यागी, एबीवीपी का प्रदेश संगठन महामंत्री शैलेंद्र, इंजीनियर रोहित शेहरावत आदि मौजूद थे।