नई दिल्ली : बिहार विधानसभा चुनावों में करारी हार के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंकने वाले पार्टी के वरिष्ठ नेता इस मामले में पार्टी के बयानों से संतुष्ट नहीं है। सूत्रों ने बताया कि वे पार्टी के जवाबी बयानों की जगह इस मामले में बातचीत चाहते हैं। सूत्रों ने साथ ही बताया कि अगर ऐसा नहीं होता, तो वह आगे के कदम पर विचार करेंगे।
इससे पहले मंगलवार को बीजेपी में अंदरूनी कलह उस समय खुलकर सामने आ गई, जब बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं – लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, यशवंत सिन्हा और शांता कुमार ने प्रधानमंत्री के नेतृत्व के खिलाफ असंतोष जताते हुए कहा कि पिछले एक साल में पार्टी शक्तिहीन हुई है और उसे कुछ मुट्ठी भर लोगों के अनुसार चलने पर मजबूर किया जा रहा है।
इस वरिष्ठ नेताओं के बयान के जवाब में बीजेपी के तीन पूर्व अध्यक्षों राजनाथ सिंह, वेंकैया नायडु और नितिन गडकरी ने एक साझा बयान जारी कर याद दिया कि बगावती नेताओं में से ही एक लालकृष्ण आडवाणी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ मिलकर यह परंपरा स्थापित की थी कि पार्टी की हर जीत और हार का श्रेय किसी एक व्यक्ति को नहीं वरण पूरी पार्टी को जाएगा।
इस पर सूत्रों ने बताया कि ‘बीजेपी द्वारा जारी इस बयान को इन वरिष्ठ नेताओं ने देखा है। वे महज बयान से संतुष्ट नहीं और इस मुद्दे पर बातचीत चाहते हैं।’ सूत्र ने साथ ही बताया कि ‘अगर आने वाले एक दो-दिनों में इस मुद्दे पर बातचीत नहीं होती, तो फिर ये नेता भविष्य के अपने कदम के बारे में फैसला करेंगे।’
आपको बता दें कि बीजेपी में निर्विवाद नेता के तौर पर उभरने और मई में सरकार बनने के बाद नरेंद्र मोदी को पहले बड़े असंतोष का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें इन दिग्गजों ने संक्षिप्त लेकिन कड़े शब्दों में एक बयान जारी कर बिहार की हार की संपूर्ण समीक्षा की मांग उठाई। बयान में कहा गया कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में मिली हार से कोई सबक नहीं सीखा गया।
उन्होंने कहा कि हार के लिए सबको जिम्मेदार बताना खुद को बचाना है। इन नेताओं ने कहा कि हार की वजहों की पूरी समीक्षा हो और इस पर विस्तार से चर्चा होनी चाहिए। यह दिखाता है कि जो लोग जीतने पर अपनी वाहवाही कर रहे होते, वो करारी हार मिलने पर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं। बीजेपी के इन वरिष्ठ नेताओं के मुताबिक बिहार में हार की मुख्य वजह पिछले एक साल में पार्टी का प्रभाव घटना है। उन्होंने कहा कि हार के कारणों की विस्तार से चर्चा की जानी चाहिए।