November 17, 2024

पौधे भेंटकर व स्वदेशी दीपक जला मनाए दीपावली

Faridabad/Alive News : प्रदूषण की रोकथाम के लिए सोशल संस्थाओं ने भी लोगों को जागरूक करते हुए अपील की है कि दीपावली को प्रदूषण रहित बनाना है, दीपावली हिन्दुस्तान में सभी धर्मो के लोगों को जोडऩे का काम करता है। इस बार दीपावली को सोशल संस्थाओं द्वारा कुछ अलग अंदाज में मनाने की अपील की है। द्विव्य दृष्टी ट्रस्ट के महासचिव विपुल शर्मा का कहना है कि दीपावली सभी त्यौहारों का प्रतीक है, इस त्यौहार को समाज के विभिन्न वर्गो द्वारा अलग-अलग तरीके से मनाया जा रहा है। लेकिन दिव्य दृष्टी ट्रस्ट चाहता है कि इस बार दीपावली लोग बिना आतिशबाजी के मनाएं।

उन्होंने कहा कि प्रदूषण रहित दीपावली मनाने से समाज और वायु मण्डल को कई फायदे है। इससे धन की हानि से बचा जा सकता है, वातावरण में ध्वनि और जल प्रदूषण से बचा जा सकता है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि इस बार दीपावली पर पटाखे की बजाए पौधे भेटकर दीपावली मनाए। वहीं दिशाएं वेलफेयर सोसायटी के महासचिव डॉ. एम.शाहेदी ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि दीपावली पर जो आतिशबाजी पर फिजुल खर्ची की जाती है, वो फिजुलखर्ची न करके उस धन से गरीब और विकलांग बच्चों की सहायता करे। ताकि आने वाली सर्दियों में उनका बचाव हो सके और चाइनीज लडिय़ा न जलाकर मिट्टी का दीया जलाए ताकि हस्त दस्तकार कुम्हार का घर रोशन हो सके।

जय हिन्द स्वदेशी रक्षक संस्था से सुरेन्द्र यादव का कहना है कि आओ इस दीपावली पर्व पर स्वदेशी दीपक जलाएं भारत को स्वच्छ, स्वस्थ स्वावलम्बी बनाये दीपावली का पर्व प्रत्येक भारतीय के लिए सांस्कृतिक सौहार्द एवं आर्थिक समृद्धि का पर्व है आज टूटता समाज गिरते हुए मानवीय मूल्यों को बचाना हमारे सामने बड़ी चुनौतियां है जिसका समाधान हम सबको मिलकर करना होगा। आज दीपावली और लक्ष्मी पूजा का स्वरुप ही बदल रहा है। हमारा पारम्परिक स्वरुप और पौराणिक मान्यताएं पीछे छूटती जा रहीं हैं और हम केवल आर्थिक नहीं बल्कि सांस्कृतिक गुलामी को भी गले लगा रहे हैं।

इस दीपावली पर हमारी संस्कृति जो की हमारी विरासत है उसका आत्मसात करे । बाजार से सिर्फ स्वदेशी मूर्तियां और दीए ही खरीदें। चीनी लडिय़ों का मोह त्याग दें। दीपावाली का पावन पर्व एवं मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान राम का जीवन हमारे लिए आदर्श है एवं प्रेरणा है कि प्रयास पर्याप्त हो तो परिवर्तन आता है परिस्थितियां बदलती है असत्य चाहे जितना भी प्रबल हो अंत में विजय सदैव सत्य की होती है।